तो इसलिए अफ्रीका में कोरोना वायरस के मामलों में अभी है कमी
अफ्रीका के कई देशों ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है। साथ ही बड़े पैमाने पर लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सेनेगल ने अपनी हवाई सीमा को बंद कर दिया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दुनिया के 180 से ज्यादा देश कोरोना वायरस के कारण चपेट में हैं, लेकिन अफ्रीका महाद्वीप विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा बहुत ही कम प्रभावित हुआ है। पिछले साल दिसंबर में कोरोना वायरस का प्रकोप सामने आया।
वहीं, अफ्रीका में पहला मामला 14 फरवरी, 2020 को मिस्र में सामने आया, जबकि इससे पहले यह एशिया के साथ ही यूरोप, मध्य एशिया और अमेरिका तक पहुंच चुका था। वहीं, कोविड-19 सब सहारा अफ्रीका तक नौ मार्च तक पहुंचा। यह पहला मामला बुर्किना फासो में सामने आया। इसके बाद से ही मामलों में तेजी आई। हालांकि, अभी तक दुनिया के दूसरे हिस्सों के मुकाबले भारत में ऐेसे मरीजों की संख्या कम है।
यह है वजह
अफ्रीका में कोरोना वायरस यात्रियों, विशेषकर यूरोप से जाने वालों के साथ पहुंचा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पूरे दक्षिण अफ्रीका में पहले 62 मामले विदेश से आए। इस बात की संभावना है कि यदि वायरस का स्थानीय हस्तांतरण शुरू हो चुका है तो अभी तक संक्रमण के मामलों का पता नहीं चल पाया है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय प्रमुख डॉ. मैत्शीदिसो मोएती का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि बड़ी संख्या में संक्रमित लोगों का पता नहीं चल सका है। हालांकि वे मानते हैं कि परीक्षण सामग्री की कमी है।
उठाए अहम कदम
अफ्रीका के कई देशों ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है। साथ ही बड़े पैमाने पर लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सेनेगल ने अपनी हवाई सीमा को बंद कर दिया है। वहीं, अंगोला और कैमरून ने अपने हवाई, जमीनी और समुद्री सीमाओं को बंद कर दिया है। रवांडा ने एक महीने के लिए अपनी सभी व्यावसायिक उड़ानों को रोक दिया है। 54 देशों में से दक्षिण अफ्रीका 202 मामलों के साथ सबसे प्रभावित देश है।
जिंबाब्वे के साथ लगती अपनी सीमा को सील करने के लिए दक्षिण अफ्रीका 40 किलोमीटर लंबी बाड़ लगा रहा है, जिससे कि जिंबाब्वे के साथ लगती सीमा से अप्रवासियों के प्रवेश के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके। हालांकि जिंबाब्वे में अभी तक एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। नाइजीरिया ने चीन और अमेरिका सहित 13 देशों से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। सोमालिया में दो सप्ताह के लिए स्कूल और विश्वविद्यालय बंद कर दिए हैं।
चुनौतियां हैं बहुत
डॉ. मोएती के अनुसार, महाद्वीप के लिए आइसीयू सुविधाओं का अभाव और वेंटिलेटर्स का कम होना जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है। पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में अनुमान के तौर पर प्रति दस लाख लोगों पर एक वेंटिलेटर है। वहीं, सब सहारा अफ्रीका के कई देशों में कोविड-19 के मरीजों की देखभाल करने के लिए आइसोलेशन वार्ड नहीं हैं या बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है। हम जानते हैं कि यह वायरस ज्यादातर बुजुर्गों को अपनी चपेट में लेता है, लेकिन अफ्रीका में यूरोप की तुलना में युवा आबादी है। यह उच्च मृत्यु दर
के बावजूद महाद्वीप को आश्वस्त करता है।