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श्रीलंका में पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव कराएंगे सिरिसेना

श्रीलंका में सिरिसेना को मौजूदा सियासी संकट के चलते डे़ढ़ साल पहले ही संसदीय चुनाव कराने का निर्णय लेना पड़ा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 09:07 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 09:07 PM (IST)
श्रीलंका में पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव कराएंगे सिरिसेना
श्रीलंका में पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव कराएंगे सिरिसेना

कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका में उपजे सियासी और संवैधानिक संकट को खत्म करने के प्रयास में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने संसद को भंग करने के साथ ही मध्यावधि चुनाव कराने का एलान किया है। उन्होंने शुक्रवार रात कहा कि रात 12 बजे के बाद संसद भंग हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने संसदीय चुनाव पांच जनवरी को कराए जाने की घोषणा की। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय चुनावों के लिए 19 से 26 नवंबर तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। नई संसद का पहला सत्र 17 जनवरी से शुरू होगा।

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सिरिसेना को मौजूदा सियासी संकट के चलते डे़ढ़ साल पहले ही संसदीय चुनाव कराने का निर्णय लेना पड़ा है। इस द्वीपीय देश में यह संकट उस समय खड़ा हो गया था जब सिरिसेना ने गत 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को हटाकर पूर्व राष्ट्रपति महिदा राजपक्षे को पीएम नियुक्त कर दिया था।

विक्रमसिंघे ने दावा किया था कि वह कानूनी तौर पर अब भी प्रधानमंत्री हैं। सिरिसेना ने संसद में बहुमत साबित करने के उनके आग्रह को ठुकराकर संसद को 14 नवंबर तक निलंबित कर दिया था। संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने भी राजपक्षे को प्रधानमंत्री मानने से इनकार कर दिया था। राजपक्षे ने संसद भंग करने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि संसदीय चुनावों से सही मायने में लोगों की इच्छा जाहिर होगी और देश में स्थिरता आएगी।

कोर्ट जाएगी विक्रमसिंघे की पार्टी
श्रीलंका में संसद भंग किए जाने से सियासी घमासान शांत होने की जगह तेज हो गया है। अपदस्थ प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने शनिवार को एक बयान जारी कर सिरिसेना द्वारा संसद भंग किए जाने के कदम को अवैध करार दिया है। पार्टी ने कहा कि वह कानून के शासन और संविधान की रक्षा के लिए इस निरंकुश कदम के खिलाफ अदालत में जाएगी।


श्रीलंका के हालात पर अमेरिका की नजर
वाशिंगटन। एजेंसी अमेरिका ने शनिवार को कहा कि वह राष्ट्रपति सिरिसेना द्वारा संसद भंग किए जाने के बाद श्रीलंका में उपजे हालात पर काफी करीब से नजर रखे हुए है। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हम श्रीलंका की स्थिति पर यकीनन करीब से नजर रख रहे हैं।' उन्होंने श्रीलंका पर विदेशी कर्ज को लेकर चिंता भी जाहिर की।


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