गलवन में तनातनी से प्रभावित हुआ भारत-चीन संबंध: रिपोर्ट
यूरोपीय थिंक टैंक का मानना है कि हाल में गलवन इलाके में हुई झड़प के बाद चीन और भारत के बीच के द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हो जाएंगे।
एम्सटर्डम, एएनआइ। भारत-चीन सीमा के गलवन इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास दोनों देशों की सेना के बीच हाल में हुए झड़प से दि्पक्षीय संबंध पर असर पड़ा है। एक यूरोपीय थिंक टैंक ने शुक्रवार को प्रकाशित अपने रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, 'हाल के कुछ वर्षों में चीन के रवैये से भारत के साथ गंभीर सुरक्षात्मक हालात बन गया है। साथ इस तरह की उत्तेजक भावनाएं भविष्य में तनावपूर्ण संबंधों के गहरा होने के संकेत दे रहे हैं।' एम्स्टर्डम स्थित यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज के रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 जून को हुए झड़प से दोनों देशों को नुकसान हुआ है।
विशेषज्ञों के हवाले से थिंक टैंक (think tank) ने कहा कि चीन का हमला भारत और चीन के लिए 21वीं सदी में टर्निंग प्वाइंट साबित हो रहा है और दोनों ही देशों के बीच आने वाले समय में तनाव और गहरा होने ओर नए विवादों के जन्म लेने की संभावना है। LAC के निकट भारत अनेकों परियोजनाएं शुरू कर रहा है विशेषकर एक सड़क निर्माण जो LAC के साथ-साथ इसके सबसे करीब स्थित लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी के एयरपोर्ट तक जाती है। यह सड़क परियोजना सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो चीन को खल रहा है। इस सड़क के जरिए भारत शस्त्र सुरक्षा बलों, रसद और गोला-बारूद को सियाचिन इलाके तक आसानी से पहुंचा सकेगा।
रिपोर्ट में कहा गया, 'भारतीय सैनिकों पर हमला चीन के बढ़ते कदम के संकेत हैं। चाहे वह दक्षिण चीन सागर, ताइवान या हांगकांग में हो हर जगह बीजिंग अपने पैर पसारने में जुट गया है। इन सभी क्षेत्रों में चीन के कदम बढ़ते जा रहे हैं। दक्षिण चीन सागर में मलेशियाई और वियतनामी जहाजों को रोकना, हांगकांग में नई ताकतें जमाना और दो बार संवेदनशील ताइवान की खाड़ी में एयरक्राफ्ट करियर के जरिए जाने की खुराफात तक चीन कर चुका है।