Move to Jagran APP

सिंधी नेता बोले- काबुल से कश्मीर तक पाकिस्तान सेना के जनरल 'धार्मिक आतंकवाद' में शामिल

सिंधी नेता पाकिस्तान आर्मी पर आरोप लगाते हुए विश्व नेताओं और मानवाधिकार संगठनों को एक खुला पत्र लिखा है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 07:59 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 08:27 AM (IST)
सिंधी नेता बोले- काबुल से कश्मीर तक पाकिस्तान सेना के जनरल 'धार्मिक आतंकवाद' में शामिल
सिंधी नेता बोले- काबुल से कश्मीर तक पाकिस्तान सेना के जनरल 'धार्मिक आतंकवाद' में शामिल

फ्रैंकफर्ट, एएनआइ। एक जाने माने सिंधी नेता, जो अब जर्मनी में राजनीतिक शरण में रह रहे हैं, उन्होंने 1947 से काबुल से कश्मीर तक धार्मिक आतंकवाद में पाकिस्तानी सेना के जनरलों की भागीदारी का आरोप लगाते हुए विश्व नेताओं और मानवाधिकार संगठनों को एक खुला पत्र लिखा है।

loksabha election banner

जेई सिंध मुत्ताहिदा महाज़ (JSMM) के अध्यक्ष शफी बर्फात ने कहा कि इन जनरलों ने कत्लेआम, नरसंहार, गायब करना, यातना, असाधारण हत्याओं, गोली लगे शरीर के जरिए सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या की।...और इसी तरह के फासीवाद और मानवाधिकारों के उल्लंघन को जारी रख रहे हैं। बर्फात ने पत्र में लिखा, पंजाबी तानाशाहा सेना ने पाकिस्तान के लोकतांत्रिक राज्य में जकड़े सिंध, बलूचिस्तान और पश्तूनिस्तान के राजनीतिक दमन और आर्थिक शोषण के अलावा राजनीतिक कार्यकर्ताओं के शवों का भी दुरुपयोग किया है।

सिंधी नेता ने लैटर में कहा, 'इसलिए, हम संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, यूरोप, कनाडा, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे सभ्य लोकतांत्रिक देशों से तुरंत प्रतिबंध लगाने और पाकिस्तान के जनरलों के सभी बैंक खातों और संपत्ति को जब्त करने की अपील करते हैं जो आपके क्षेत्र में रह रहे हैं और इन सभी हत्यारों को निष्कासित करें।' उनका मानना है कि पाकिस्तान सेना एक जानलेवा सेना है जिसने 1971 में तीन मिलियन बंगालियों का नरसंहार किया था और वे सिंध, बलूचिस्तान, पश्तून बहुल इलाकों और पीओके के लोगों के खिलाफ समान अत्याचार दोहरा रहे हैं।

बर्फ़ात (जिसकी पार्टी पाकिस्तानी कब्जे से सिंधुदेश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही है) ने कहा, 'जेएसएमएम के शीर्ष नेता नवाब महार सहित हजारों सिंधी और बलूच राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नेताओं का अपहरण कर लिया गया है। कुछ अन्य सिंधी राजनीतिक कार्यकर्ता जो कुख्यात जासूसी एजेंसी, आईएसआई द्वारा अपहरण कर लिए गए हैं, और अभी भी लापता हैं उनमें ऐजाज गाहो, मेहरान मीरानी, इंसाफ दयाओ, डॉ हिदायतुल्लाह जरवार, गुलशेर तगर, अकीब चंदियो, सुहैल रज़ा भट्टी, हैदर खोसो शामिल हैं। इसके अतिरिक्त दरिया खान ढकन, शकील हैदर और सैकड़ों अन्य भी आईएसआई की कोशिकाओं में अमानवीय यातना का सामना कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि मुझे डर है कि वे आईएसआई द्वारा असाधारण रूप से मारे जाएंगे। पाकिस्तानी सेना के ये आतंकवादी नाजी जनरलों काबुल से कश्मीर तक इस्लामिक आतंकवाद को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सैन्य ताकत और धार्मिक विचारधारा के माध्यम से, पाकिस्तान पंजाब के साम्राज्यवादी हितों की रक्षा के लिए सिंध और बलूचिस्तान में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करता है, जिसमें बड़ी आबादी और कम संसाधन हैं और उनको कब्जे और शोषण के साथ ही जीना पड़ रहा है।

वहीं, उन्होंने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि सिंधी नेता ने कहा कि क्षेत्र में बढ़ते भारतीय प्रभाव के चलते, पाकिस्तान ने CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) के नाम पर अपने बंदरगाहों और भूमि को चीन को बेच दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.