Netherland shooting: नीदरलैंड में ट्राम में अंधाधुंध गोलीबारी, तीन लोगों की मौत, आतंकी हमले की आशंका
यूरोपीय संघ के प्रमुख देश नीदरलैंड (हॉलैंड) के उट्रेच शहर में एक ट्राम में सोमवार को हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई और कम से कम नौ लोग घायल हुए हैं।
उट्रेच (नीदरलैंड), रायटर/एपी। यूरोपीय संघ के प्रमुख देश नीदरलैंड (हॉलैंड) के उट्रेच शहर में एक ट्राम में सोमवार को हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई और कम से कम नौ लोग घायल हुए हैं। संभावित हमलावर की पहचान तुर्की के नागरिक के रूप में हुई है। प्रधानमंत्री मार्क रूट ने घटना पर गहरा दुख जताया है। शहर के मेयर ने आतंकी हमले की आशंका जताई है।
हमले के बाद उट्रेच में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। एयरपोर्ट, मस्जिदों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने हमले के सिलसिले में 37 वर्षीय गोकमैन तनीस नामक तुर्की के नागरिक का फोटो जारी किया है। सुरक्षा बलों ने उसकी तलाश तेज कर दी है। लोगों से उससे दूर रहने को कहा गया है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जबकि न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में शुक्रवार एक बंदूकधारी ने दो मस्जिदों में हमला कर 50 लोगों की हत्या कर दी थी। उट्रेच पुलिस ने ट्विटर पर बताया की गोलीबारी की यह घटना उट्रेच शहर के 24 ओक्टोबरप्लीन में सुबह करीब 10.45 बजे हुए।
पुलिस ने आसपास के इलाकों की नाकेबंदी कर दी है। घटना के तुरंत बाद तीन ट्रॉमा हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद प्रधानमंत्री मार्क रूट ने सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ अपनी बैठक रद्द कर दी और वह हालात पर नजर रखे हुए हैं।
नीदरलैंड के राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी सेवा के प्रमुख पीटर-जाप आलबर्सबर्ग ने ट्विटर पर बताया कि घटना से उपजे संकट को लेकर वह परामर्श ले रहे हैं। शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
उन्होंने कहा, ''एनसीटीवी उट्रेच मामले पर नजर रखे हुए है और स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क में है। हमलोग इसमें आतंकवादी मंशा से इनकार नहीं कर सकते हैं। ऐसी घटनाओं से निपटने में सक्षम आपदा टीम को सक्रिय कर दिया गया है।'' फिलहाल ट्राम सेवा रोक दी गई है। एक चश्मदीद ने स्थानीय आरटीवी उट्रेची को बताया कि उसने खून से लतपथ एक महिला को देखा। कई लोगों को घटनास्थल से भागते देखा।
पिछले साल सैलानियों पर हुआ था हमला
आमतौर पर नीदरलैंड में इस तरह की घटनाएं होती। लेकिन हाल के दिनों में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिससे लोगों में डर पैदा हो गया है। पिछले साल अगस्त में अफगान मूल के 19 वर्षीय जर्मन युवक ने एम्सटर्डम के व्यस्त सेंट्रल स्टेशन पर दो अमेरिकी सैलानियों को चाकू मारकर घायल कर दिया था।
बाद में पुलिस ने उसे मार गिराया था। सितंबर महीने में भी पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर बड़े हमले की साजिश को नाकाम करने का दावा किया था। पुलिस ने कुछ विस्फोटक बरामद करने की बात भी कही थी।