वतन वापसी को तैयार शेख हसीना! यूनुस को दी चेतावनी, 'भारत से रिश्ते खतरे में डालना आत्मघाती'
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वतन वापसी के लिए तत्पर हैं। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को भारत के साथ संबंधों को खतरे में डालने के खिलाफ चेतावनी दी है। हसीना ने भारत को बांग्लादेश का महत्वपूर्ण पड़ोसी बताते हुए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग देश के हित में है।

शेख हसीना। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की गैर निर्वाचित मुहम्मद यूनुस सरकार भारत के साथ सहयोग को खतरे में डाल रही है और देश में कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा दे रही है। जबकि भारत हमेशा बांग्लादेश का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है। यूनुस सरकार की हरकतें मूर्खतापूर्ण और बांग्लादेश को नुकसान पहुंचाने वाली हैं। ये बातें भारत में रह रहीं बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ईमेल के जरिये इंटरव्यू में कही हैं।
उन्होंने कहा, अंतरिम सरकार बांग्लादेश के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है, देश के लोग अभी भी भारत को सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं। अपनी सरकार की विदेश नीति की चर्चा करते हुए शेख हसीना ने कहा, उन्होंने ढाका और नई दिल्ली के बीच व्यापक और गहरे संबंध विकसित किए थे। लेकिन यूनुस अपनी मूर्खता से उसमें दरार पैदा कर रहे हैं।
हसीना ने मुश्किल वक्त में शरण देने के लिए भारत सरकार का आभार जताया और भारतीय लोगों की मेजबानी की प्रशंसा की। बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं हसीना को असैन्य तख्तापलट के चलते पांच अगस्त, 2024 को देश छोड़कर भारत आना पड़ा था, वह तभी से भारत में रह रही हैं। जबकि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार ने उनके खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज कर लिए हैं और उनकी पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
शेख हसीना ने बताई वापसी की शर्तोंं
शेख हसीना ने कहा, लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अवामी लीग की भागीदारी उनके बांग्लादेश वापस जाने की मुख्य शर्त होगी। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को उनकी पार्टी अवामी लीग पर से प्रतिबंध हटाना चाहिए और देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने चाहिए। बांग्लादेश में फरवरी, 2026 में प्रस्तावित आम चुनाव का बहिष्कार करने के आह्वान से हसीना ने इन्कार किया।
कहा, अवामी लीग के बगैर बांग्लादेश में होने वाला कोई भी चुनाव वैध और पूर्ण नहीं होगा। क्योंकि हम बांग्लादेश की सबसे बड़ी पार्टी हैं और दसियों लाख लोग हमारे समर्थक हैं। ऐसे में अगर हमें चुनाव से बाहर रखा जाएगा तो वह चुनाव वैध कैसे होगा। बांग्लादेश में जुलाई-अगस्त 2024 में हुए आंदोलन से निपटने में नाकामी के आरोप को स्वीकारते हुए शेख हसीना ने कहा, वास्तव में स्थिति हमारे नियंत्रण के बाहर चली गई थी, इसका हमें खेद है। इस घटना ने हमें कई सबक सिखाए हैं।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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