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अब लाइलाज नहीं होगा अल्जाइमर! दुरुस्‍त रहेगा आपका 'जीपीएस सिस्‍टम'

शुरुआती चरण में ही यह रोग पकड़ में आने से इसका उपचार समय से संभव हो सकेगा। इसके लिए रेडियोधर्मी ट्रेसर अणुओं का इस्‍तेमाल किया जाएगा।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 12:10 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 03:50 PM (IST)
अब लाइलाज नहीं होगा अल्जाइमर! दुरुस्‍त रहेगा आपका 'जीपीएस सिस्‍टम'
अब लाइलाज नहीं होगा अल्जाइमर! दुरुस्‍त रहेगा आपका 'जीपीएस सिस्‍टम'

नई दिल्‍ली [ जागरण स्‍पेशल ]। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मस्तिष्क स्कैन विकसित किया है, जो अल्जाइमर रोगियों के लिए वरदान साबित हो सकता है। दरअसल, इस स्‍कैन के जरिए अल्जाइमर रोग के शुरुआती संकेतों का पता चल सकेगा। शुरुआती चरण में ही यह रोग पकड़ में आने से इसका उपचार समय से संभव हो सकेगा। इसके लिए रेडियोधर्मी ट्रेसर अणुओं का इस्‍तेमाल किया जाएगा।

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विश्‍वसनीय बनी अल्‍जाइमर की जांच प्रक्रिया

हालांकि, पूर्व में चिकित्‍सक अल्जाइमर की जांच के लिए स्मृति परीक्षणों पर ही निर्भर थे। जांच की यह प्रक्रिया बहुत विश्‍वसनीय नहीं थी। इस नए अध्‍ययन ने अल्‍जाइमर की जांच प्रक्रिया को काफी सरल और विश्‍वसनीय बनाया है। बाल्टीमोर, मैरीलैंड में जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों ने विभिन्‍न उम्र में होने वाले मस्तिष्‍क रोगों पर अध्ययन किया है। 12 रोगियों पर किए गए सफल परीक्षण के बाद वैज्ञानिकों को यह उम्‍मीद जगी है कि इससे अल्‍जाइमर के लक्ष्‍णों को शुरुआती चरण में पकड़ने और उसके उपचार में मदद मिलेगी।

उनका दावा है कि इससे तेजी से बढ़ रहे मस्तिष्‍क रोगों की गति पर विराम लगाया जा सकता है। इस नए अध्‍ययन में 12 लोगों के मस्तिष्क को स्कैन किया गया। इन रोगियों पर किया गया परीक्षण सफल रहा। इन रोगियों पर किए गए प्रयोग यह दिखाते हैं कि कैसे रेडियोधर्मी 'ट्रेसर' अणु मस्तिष्क में पट्टियों को बांध सकते हैं और रोग की गति को मंद कर सकते हैं।

इस बीमारी के कारण और निदान

दरअसल, इस बीमारी में मस्तिष्‍क में दो प्रोटीन, एमिलॉयड बीटा और टाउ का निर्माण होता है, जो न्यूरॉन्स को परेशान करते हैं और उसे नष्ट करते हैं। इससे मस्तिष्‍क की स्मृति क्षमता में कमी आती है। जॉन्स हॉपकिंस मेडिसिन के रेडियोलॉजिस्ट लीड लेखक डॉ डीन वोंग ने कहा कि अल्जाइमर के इस अध्‍ययन में सबसे बड़ी समस्‍या वास्‍तविक समय में प्रोटीन विकसित करने की थी।

उन्होंने कहा कि हमारे सामने अल्जाइमर एक ऐसी चुनौती थी, जिसका अब तक कोई निदान नहीं है। इसे ठीक नहीं किया जा सकता है यह रोगी के मौत के साथ ही खत्‍म होती है। उन्‍होंने कहा कि 'हम इन न्यूरोडिजेनरेटिव विकारों के लिए निदान और उपचार को तेज करने के लिए नए रेडियो-फार्मास्यूटिकल्स की पहचान करने के लिए काम कर रहे हैं।' पिछले अध्ययन में, टीम ने लगभग 550 को कम करने से पहले 550 संभावित ट्रैसर अणुओं का परीक्षण किया था।

अध्‍ययन को तीन भाग

इस अध्ययन को तीन भागों में विभक्‍त किया गया। इस टीम ने अल्जाइमर रोग से निदान के लिए 12 रोगियों की जांच की, इसमें 25 से 38 वर्ष के बीच सात युवाओं और 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के पांच लोगों को शामिल किया गया।

पहले भाग में, प्रत्येक प्रतिभागी को दो अलग-अलग चरणों में इंजेक्शन दिए गए, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कौन सा ट्रैसर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। पीइटी स्‍कैन से जो नतीजे मिले उससे सभी प्रत्येक प्रतिभागियों का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन रहा। इसमें अल्जाइमर के मरीजों के मस्तिष्क के क्षेत्रों में पहले से सूचित आंकड़ों के अनुरूप टाउ की जड़ों काे नष्‍ट किया गया।

12 नियंत्रण वयस्कों को कोई निशान नहीं मिला। लेकिन ट्रैसर ने अल्जाइमर के मरीजों के मस्तिष्क के क्षेत्रों में पहले से सूचित आंकड़ों के अनुरूप ताऊ जड़ें जलाईं। वोंग ने कहा, 'अब हमारे पास मस्तिष्क में इमेजिंग टाउ के कम से कम दो तरीके हैं और न्यूरोसाइस्टिस्ट्स यह अल्जाइमर की शुरुआती पहचान और भविष्य के उपचार की निगरानी में मदद कर सकता है।'

 अल्जाइमर को कैसे पहचानें

अल्जाइमर रोग एक मस्तिष्क विकार है, जो धीरे-धीरे स्मृति की क्षमता को नष्ट कर देता है।  मस्तिष्‍क मानव शरीर का सबसे जटिल हिस्‍सा है। इसे शरीर का 'जीपीएस सिस्‍टम' कहा जाता है। लेकिन अल्जाइमर रोग मस्तिष्‍क के जीपीएस सिस्‍टम को प्रभावित करता है। हालांकि, अल्जाइमर रोग क्‍यों होता है, इसके कारण अभी

संकेत और लक्षण

रोगी को कोई जानकारी याद रखने में कठिनाई होती है। उसे भटकाव होता है। रोगी के मनोदशा और व्‍यवहार में बदलाव देखा गया है। वह परिवार और दोस्तों पर संदेश करता है। रोगी की स्मृति धीरे-धीरे समाप्‍त हो जाती है।इसके अलावा उसे बोलने, निगलने और चलने में कठिनाई हाेती है।

अल्जाइमर के तीन चरण

1- हल्का अल्जाइमर (प्रारंभिक चरण): एक व्यक्ति स्वतंत्र रूप से काम करने में सक्षम हो सकता है, लेकिन स्मृति में कमी आ रही है।

2- मध्यम अल्जाइमर (मध्यम चरण): यह लंबा चरण है। इसमें वह आम तौर पर रोगी शब्‍दों से भ्रमित होता है। वह जल्‍द निराश हो जाता है। उसे गुस्सा बहुत आता है। उसके व्‍यवहार में अचानक बदलाव आता है।

3- गंभीर अल्जाइमर रोग (अत्‍यधिक लंबा चरण): अंतिम चरण में, व्यक्ति अपने पर्यावरण का जवाब देने, वार्तालाप करने और अंततः नियंत्रण को खो देता है। 

वैज्ञानिकों का सुझाव

अल्जाइमर के लिए कोई ज्ञात इलाज नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि शारीरिक व्यायाम से इसे रोका जा सकता है। शुरुआती लक्षणों की पकड़ में आने के बाद इसे राेकने के लिए की अपने आहार में ओमेगा-3 वसा शामिल करना चाहिए। 


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