विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले, असम में एनआरसी की प्रक्रिया भारत का आंतरिक मामला
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को बांग्लादेश (Bangladesh) के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) को श्रद्धांजलि अर्पित की।
ढांका, पीटीआइ। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अपने बांग्लादेशी समकक्ष एके अब्दुल मोमेन (AK Abdul Momen) से लंबी बातचीत की। द्विपक्षीय बातचीत के बाद उन्होंने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि असम में अवैध विदेशियों की पहचान और एनआरसी के दस्तावेजी करण की प्रक्रिया भारत का आंतरिक मामला है। मेरी बांग्लादेश के विदेश मंत्री से सकारात्मक बातचीत हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि भारत अक्टूबर में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मेजबानी के लिए उत्सुक है।
जयशंकर इन दिनों बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। वह मंगलवार को ढांका में 'बंगबंधु स्मारक संग्रहालय' (Bangabandhu Memorial Museum) पहुंचे बांग्लादेश (Bangladesh) के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) को श्रद्धांजलि अर्पित की। जयशंकर सोमवार को बांग्लादेश पहुंचे थे। विदेश मंत्री के तौर पर यह उनकी पहली बांग्लादेश यात्रा है।
जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, बंगबंधु स्मारक संग्रहालय का दौरा करके अभिभूत हूं। मैंने राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान को श्रद्धांजलि अर्पित की है। विदेश मंत्री के कार्यक्रमों के मुताबिक, वह अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोमेन के साथ बैठक करेंगे और प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जयशंकर की बांग्लादेश की यह यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच दूसरा मंत्री स्तरीय संवाद करना है।
बता दें कि बंगबंधु स्मारक संग्रहालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका के धानमंडी इलाके में है। यह वास्तव में मुजीबुर्रहमान का आवास था। साल 1975 में इसी घर में उनकी और उनके परिवार के ज्यादातर सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। उनकी बेटियां शेख हसीना और शेख रेहाना तब विदेश में थीं इसलिए बच गई थीं। शेख हसीना मौजूदा वक्त में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं। उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरूआत में 7-8 अगस्त को बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमान खान ने नई दिल्ली में भारत के गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की थी।