Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन से आने वाले शरणार्थियों के लिए पौलेंड ने खड़े किए हाथ, जानें- रूसी हमलों के बीच वहां के बैंकिंग सिस्टम का हाल
Russia Ukraine Crisis यूक्रेन पर रूस लगातार हमले तेज करता जा रहा है। इसको लेकर रूस पर यूरोपीय देशों ने कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। वहीं जारी युद्ध के बीच यूक्रेन की बैकिंग प्रणाली सही से अभी भी काम कर रही है।
कीव, एएनआइ। यूक्रेन में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद यूक्रेन की बैंकिंग प्रणाली चालू है। यूक्रेन के नेशनल बैंक ने बताया है कि यूक्रेन में युद्ध की स्थिति के बावजूद हमारे सभी बैंकिंग सिस्टम काम कर रहे हैं। नेशनल बैंक आफ यूक्रेन (NBU) ने आगे बताया कि बैंकिंग सुविधाओं को लेकर सभी दायित्वों को पूरा किया गया है, क्योंकि यूक्रेनी सरकार ने यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान से पहले से ही सारी तैयारी कर ली थी।
जारी हमलों के बीच यूक्रेन के लोग तेजी से कर रहे हैं पलायन
हालांकि, यूक्रेन अभी भी पलायन जैसी अन्य चीजों से जूझ रहा है। इस बीच, वारसा (Warsaw) और क्राको (Krakow) पड़ोसी देशों ने कहा है कि वे अब यूक्रेन से शरणार्थियों को स्वीकार नहीं कर सकते। दो सप्ताह के दौरान, लगभग 100,000 यूक्रेनियन क्राको में और 200,000 वारसा में जा चुके हैं।
पूर्वी यूक्रेन के लुहांस्क ओब्लास्ट पर रूस का हुआ 70 प्रतिशत नियंत्रण
अमेरिकी मीडिया सीएनएन के अनुसार रूसी सेना द्वारा की गई भारी गोलाबारी के बाद दक्षिणी यूक्रेनी शहर मायकोलाइव (Mykolaiv) में आग लग गई। इसके साथ ही मीडिया में बताया कि यूक्रेन के पूर्वी इलाके के लुहांस्क ओब्लास्ट पर रूस का 70 प्रतिशत नियंत्रण हो चुका है।
रूसी हमले में नष्ट हुए खार्किव शहर के करीब 50 स्कूल
रूसी हमलों ने यूक्रेन के कई शहरों को तबाह कर दिया है। सैटेलाइट से जारी हुई इमेज में यूक्रेन की तबाही का मंजर साफ देखा गया है। रूसी सीमा पर खार्किव क्षेत्र के गवर्नर ने कहा कि रूसी हवाई हमले में एक मनोरोग अस्पताल को नुकसान पहुंचा है। साथ ही खार्किव शहर के मेयर ने कहा कि उनके शहर में लगभग 50 स्कूल नष्ट हो गए हैं।
हजारों लोग बिना भोजना पानी के फंसे
रूस ने उत्तर, पूर्व और दक्षिण में युद्ध के मैदानों से दूर पश्चिमी यूक्रेन में भी हवाई हमले किए हैं। जहां जमीनी लड़ाई भी भड़की हुई थी। दक्षिणी शहर मारियुपोल के नगर परिषद ने कहा कि रूसी गोलाबारी के परिणामस्वरूप कम से कम 1,582 नागरिक मारे गए और 12 दिनों की नाकाबंदी के कारण सैकड़ों हजारों लोग बिना भोजन, पानी, गर्मी या बिजली के फंस हुए थे।