यूएन की मदद से होगी रोहिंग्या मुस्लिमों की स्वदेश वापसी
रोहिंग्या की वापसी पर दोनों देशों ने गुरुवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
ढाका, रायटर। रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए म्यांमार और बांग्लादेश संयुक्त मानवाधिकार संगठन की मदद लेने को तैयार हो गए हैं। रोहिंग्या की वापसी पर दोनों देशों ने गुरुवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
समझौते के अनुसार अगले दो महीने के भीतर रोहिंग्या मुस्लिमों की म्यांमार लौटने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इसके बाद कई संगठनों ने मांग की थी कि रोहिंग्या मुसलमान सुरक्षित म्यांमार लौटें, इसके लिए एक निगरानी समूह का होना आवश्यक है। इस पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के घर लौटने की प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन की भी भूमिका होगी। दोनों ही देश अपनी जरूरत के अनुसार इस संगठन की सहायता लेंगे।
ज्ञात हो कि पोप फ्रांसिस 26 नवंबर से दो दिसंबर तक म्यांमार और बांग्लादेश की यात्रा पर आएंगे। म्यांमार के अधिकारियों का कहना है कि स्वदेश लौटने वाले रोहिंग्या तब तक राहत शिविरों में रहेंगे जब तक हिंसा में उजड़े गांवों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता है। इसके साथ रोहिंग्या मुस्लिमों को पहचान पत्र भी मुहैया कराया जाएगा। ज्ञात हो कि पिछले कुछ महीनों में म्यांमार से पलायन कर छह लाख से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश पहुंच चुके हैं।
यह भी पढ़ें: म्यांमार लौट रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर मानवाधिकार संगठनों ने जताई चिंता