भविष्य में इंसानों के जैसे नजर आएंगे रोबोट, रिसर्च में हुआ खुलासा, जानिए कैसे होगा बदलाव
आज तक आपने ऐसा सुना होगा कि अब रोबोट इंसानों के जैसे खाना बनाने के लिए बिल्कुल तैयार हैं लेकिन अब एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जल्द ही रोबोट इंसानों के जैसे नजर भी आएंगे।
वाशिंगटन, एएनआइ। सॉफ्ट रोबोटिक्स के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने कृत्रिम मांसपेशी तैयार कर नई क्रांति ला दी है। अब भविष्य में रोबोट केवल एक मशीन के बजाय इंसानों की तरह भी काम करते दिखाई दे सकते हैं। इन मांसपेशियों से उनके काम करने की क्षमता में भी जबरदस्त सुधार देखने को मिल सकता है।
रोबोट के लिए विकसित की जा रही है कृत्रिम त्वचा
विज्ञान पत्रिका साइंस रोबोटिक्स में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने सॉफ्ट रोबोटिक्स के लिए एक पतली कृत्रिम त्वचा विकसित की है, जिसे एक्टुएटर नाम दिया गया है। इसे हाल ही में एक प्रदर्शनी में इसे प्रदर्शित किया गया था, जहां कृत्रिम रोबोट तितलियों से इन्हें जोड़ा गया था और इसकी मदद से ये तितलियां आसानी से फूल और पेड़ के पत्तों पर अपने पंखों को फैला पा रही थीं।
रोबोट इंसानों को जैसे करेंगे काम
शोधकर्ताओं ने कहा कि दुनिया भर के इंजीनियर अधिक गतिशील एक्टुएटर विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं जो टिकाऊ होने के साथ ही बिना टूटे ही झुक भी सकते हैं और जल्दी प्रतिक्रिया भी देते हैं। उन्होंने कहा कि हमने जो एक्टुएटर बनाया है वह करंट की मदद से मांसपेशियों को सिकोड़ता या घूमता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि सॉफ्ट रोबोट की मांसपेशियों के साथ पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स की मदद से कई तरह के प्रयोग किए जा सकते हैं। इससे रोबोट को और उन्नत बनाया जा सकता है।
एमएक्सईएन ने बनाई सामग्री
यह रोबोटिक मांसपेशी क्रिएटिव रिसर्च इनिशिएटिव सेंटर फॉर फंक्शनली एंटेगोनिस्टिक नैनो-इंजीनियरिंग की टीम ने विकसित की जो लगभग एक इंच लंबी है और कागज की पतली पट्टी की तरह दिखती है। इसे बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रकार की सामग्री का उपयोग किया, जिसका नाम एमएक्सईएन है। यह यौगिकों का एक वर्ग है जिसमें परतें केवल कुछ परमाणु ही मोटी होती हैं। एमएक्सईएन सामग्री (टी3सी2टीएक्स) टाइटेनियम और कार्बन यौगिकों की पतली परतों से बनी है। यह अपने आप से लचीली नहीं होती। जब इन्हें घुमाया जाता है तो सामग्री की चादरें एक्ट्यूएटर से बाहर निकल जाती हैं और करंट की मदद से हिलने लगती हैं। टाइटेनियम और कार्बन यौगिकों की मदद से बनाई गई सामग्री एक्ट्यूएटर को लचीली बनाती है, जिसे बिजली के जरिये लचीला बनाए रखना थोड़ा मुश्किल है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस एक्टुएटर की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि यह कम वोल्टेज में भी पांच घंटे से ज्यादा समय तक चलता रहता है।
इंसानों की तरह दिखाई देंगे रोबोट
रोबोटिक मसल (मांसपेशी) की कार्यप्रणाली को दिखाने के लिए शोधकर्ताओं ने इसे एक्टुएटर के साथ जोड़ कर एक आर्ट प्रदर्शनी में प्रदर्शित भी किया। इसके लिए शोधकर्ताओं ने एक रोबोटिक तितली भी बनाई जो कृत्रिम मांसपेशियों की मदद से अपने पंखों को ऊपर और नीचे ले जाती हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि कृत्रिम मांसपेशियां रोबोटिक्स के क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आएगी और हो सकता है भविष्य में ऐसे रोबोट भी देखने को मिलें जो हूबहू इंसानों की तरह दिखाई देंगे। ये रोबोट कृत्रिम मांसपेशियों की मदद से ठीक वैसे ही काम करेंगे जैसे इंसान करते हैं, लेकिन उससे पहले इन्हें और उन्नत किए जाने की जरूरत है।
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