मुगाबे ने जिम्बाब्वे में तख्तापलट को बताया अवैध, इस्तीफे के दबाव का किया विरोध
सेना के करीबी सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति मुगाबे ने इस सैन्य तख्तापलट को अवैध बताया है और वह इस्तीफा देने के दबाव का विरोध कर रहे हैं।
हरारे, जेएनएन। जिम्बाब्वे की राजधानी में हरारे में सैन्य तख्तापलट के बाद राजनीति उथल-पुथल को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश हो रही है। लेकिन ऐसा लग नहीं रहा कि मुगाबे इतनी आसानी से पद छोड़ने को तैयार होंगे। सूत्रों के हवाले से खबरें मिल रही हैं कि राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे पद से इस्तीफा देने के दबाव का विरोध कर रहे हैं। सेना प्रमुख के साथ मुगाबे की मुलाकात की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें वह काफी कॉन्फिडेंट नजर आ रहे हैं।
मुगाबे से सेना प्रमुख की मुलाकात
जिम्बाब्वे में अंदरखाने क्या उथल-पुथल चल रही है, अभी तक उसकी साफ तस्वीर सामने नहीं आ रही थी। लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे साफ हो रही है। मुगाबे और सेना प्रमुख जर्नल कांन्सटैनटिनो चिवेंगा की ये तस्वीर गुरुवार की बताई जा रही है। इसमें मुगाबे और चिवेंगा बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन इस दौरान दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसकी कोई जानकारी बाहर नहीं आई है। हालांकि बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति मुगाबे से सम्मानजनक रूप से हट जाने की अपील की गई है।
क्या कहती है तस्वीर...?
तस्वीर में चिवेंगा और मुगाबे सामान्य नजर आ रहे हैं। ऐसा नहीं लग रहा कि मुगाबे पर कोई दबाव है। वह कॉन्फिडेंट और हेल्दी दिखाई दे रहे हैं। मुगाबे और चिवेंगा के बीच ये मुलाकात गुरुवार की शाम हरारे में राष्ट्रपति के निवास में हुई। एक अन्य तस्वीर में मुगाबे, सेना प्रमुख और दक्षिण अफ्रीकी राजदूत के साथ भी नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में सबके चेहरे पर मुस्कान है। तस्वीर में मुगाबे को देखकर लग रहा है कि अभी उनका आत्मविश्वास कामय है।
दबाव का विरोध कर रहे मुगाबे
सेना के करीबी सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति मुगाबे ने इस सैन्य तख्तापलट को अवैध बताया है और वह इस्तीफा देने के दबाव का विरोध कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कैथोलिक पादरी फिडेलिस मुकोनोरी मुगाबे और सेना के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं।
बर्खास्त उपराष्ट्रपति मानगागवा का कुछ पता नहीं
बता दें कि बुधवार को जिम्बाब्वे में सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था। मुगाबे अभी सेना की हिरासत में हैं। देश छोड़कर चले गए बर्खास्त उपराष्ट्रपति मानगागवा का अभी कुछ पता नहीं है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, वह सेना और विपक्ष के साथ करीब एक साल से मुगाबे बाद के जिम्बाब्वे की रूपरेखा तैयार कर रहे थे। ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में कैंसर का इलाज करा रहे विपक्षी नेता मॉर्गन स्वानगिराई बुधवार को हरारे पहुंच गए।
शांति बनाए रखने की अपील
इस बीच जिम्बाब्वे के सिविल सोसायटी संगठनों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। करीब 100 सिविल सोसायटी संगठनों ने भी मुगाबे से शांतिपूर्वक हटने की अपील की। उन्होंने सेना से जल्द सामान्य स्थिति और संविधान के सम्मान को बहाल करने को कहा है। श्रम संगठनों से श्रमिकों से अपने काम पर जाने को कहा है। हरारे में लोग रोजमर्रा की तरह काम पर जा रहे हैं।
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