श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड 35 उम्मीदवार, चार विदेशी चुनाव निगरानी दल रखेंगे नजर
श्रीलंका में 16 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड 35 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
कोलंबो, आइएएनएस। श्रीलंका में 16 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड 35 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मुख्य मुकाबला नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) के उम्मीदवार व सत्तारूढ़ यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के उपनेता सजित प्रेमदासा और श्रीलंका पोदुजना पेरुमना (एसएलपीपी) के गोतबाया राजपक्षे के बीच माना जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई गोतबाया देश के रक्षा मंत्री रह चुके हैं। पूर्व सेना कमांडर महेश सेनानायके भी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को सभी 35 उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न के साथ नमूना मतपत्र जारी किया। श्रीलंका का यह आठवां राष्ट्रपति चुनाव है। मौजूदा राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेन का कार्यकाल जनवरी, 2020 तक है। बताया जा रहा है कि श्रीलंका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव पर चार विदेशी चुनाव निगरानीदल नजर रखेंगे। खबरों के मुताबिक, चुनाव आयेाग के आमंत्रण पर पर्यवेक्षकों के तीन दल श्रीलंका पहुंच भी चुके हैं।
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बता दें कि इस बार सिरिसेना की फ्रीडम पार्टी ने राजपक्षे की पीपुल्स पार्टी से अपना चुनाव चिन्ह फूल की कली छोड़कर साझा चुनाव चिह्न पर लड़ने की अपील की थी। लेकिन पीपुल्स पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इस अपील की अनदेखी की गई है, क्योंकि पार्टी अपनी जमानत अपने चुनाव चिह्न पर जमा करा चुकी थी। हालांकि, खबरें थीं कि इस बार श्रीलंका के राष्ट्रपति पद के लिए 41 उम्मीदवारों ने जमानत राशि जमा कराई है। उल्लेखनीय है कि 1982 के बाद यह पहला मौका है, जब निवर्तमान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री अथवा विपक्ष का नेता उम्मीदवार नहीं है। अब देखना यह है कि श्रीलंका में राष्ट्रपति पद के लिए किसका चुनाव होता है। हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि सजित प्रेमदासा और गोतबाया राजपक्षे में से कौन बाजी मारेगा।
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