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विवादों में घिरा रॉ प्रमुख का नेपाल दौरा, प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ बैठक पर जताई गई आपत्ति

रॉ प्रमुख की नेपाली पीएम के साथ बैठक विवादों में। नेपाल के कुछ नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली और भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ([रॉ)] के प्रमुख सामंत कुमार गोयल की वार्ता कूटनीतिक मानदंडों के खिलाफ है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 08:41 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 08:41 AM (IST)
विवादों में घिरा रॉ प्रमुख का नेपाल दौरा, प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ बैठक पर जताई गई आपत्ति
विवादों में घिरी रॉ प्रमुख का नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा के साथ बैठक।

काठमांडू, एजेंसी। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ([रॉ)] के प्रमुख सामंत कुमार गोयल के साथ बैठक विवादों में घिर गई है। विपक्ष ही नहीं सत्तारू़ढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेताओं ने इसे कूटनीति के निर्धारित मानदंडों के खिलाफ बताया है। गोयल ने बुधवार शाम को ओली से बालूवाटर स्थित उनके आधिकारिक निवास में मुलाकात की थी। 

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भारत और नेपाल के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच बुधवार को भारत की विदेशी मामलों की खुफिया एजेंसी रॉ के प्रमुख का काठमांडू दौरा हुआ। इस दौरे में उन्होंने प्रधानमंत्री ओली के साथ द्विपक्षीय मसलों पर बात की, साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, माधव कुमार नेपाल और शेर बहादुर देउबा से भी मुलाकात की, लेकिन सत्तारू़ढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता भीम रावल ने ओली और गोयल की बैठक को लेकर कहा, विदेश मंत्रालय की जानकारी में लाए बगैर यह बैठक अपारदर्शी तरीके से हुई। इनमें किन मुद्दों पर चर्चा हुई, यह स्पष्ट नहीं है। यह हमारी शासन व्यवस्था की कमजोरी को दर्शाता है।

सत्तारू़ढ़ दल की विदेशी मामलों की शाखा के उप प्रमुख विष्णु रीजल ने कहा है कि राजनीतिक लोगों को कूटनीति के मसलों में आगे बढ़कर काम नहीं करना चाहिए। कूटनीतिक मामलों को कूटनीतिज्ञों के जिम्मे ही रखना चाहिए। रॉ प्रमुख के दौरे में जिस तरह से राजनीतिक लोगों ने कूटनीतिक काम किए, उससे भ्रम पैदा हुआ है।

नेपाली कांग्रेस के नेता गगन थापा ने भी बैठक के तरीके को लेकर विरोध जताया है और ट्वीट कर कहा, ओली और गोयल की बैठक से न केवल कूटनीतिक मानदंडों का उल्लंघन हुआ बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरनाक थी। इसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन तीनों पूर्व प्रधानमंत्रियों ने बैठक को लेकर इस तरह के आरोपों को खारिज किया है। कहा है कि बैठक को लेकर भ्रम और गलत बातें फैलाए जाने की जरूरत नहीं है। 


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