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Rajnath in SCO Meeting Tashkent : रक्षामंत्री ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा, कहा- आतंक के खिलाफ हो साझा जंग

Rajnath in SCO Meeting Tashkent रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ताशकंद में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की बैठक में आतंकवाद का मुद्दा उठाया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 10:37 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 12:36 PM (IST)
Rajnath in SCO Meeting Tashkent : रक्षामंत्री ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा, कहा- आतंक के खिलाफ हो साझा जंग
Rajnath in SCO Meeting Tashkent : रक्षामंत्री ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा, कहा- आतंक के खिलाफ हो साझा जंग

ताशकंद, एएनआइ।Rajnath in SCO Meeting Tashkent,  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को यहां शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की बैठक में भाग लिया।रक्षा मंत्रालय के कार्यालय के अनुसार, उन्हें SCO की बैठक में उज़्बेकिस्तान के प्रधान मंत्री अब्दुल्ला अरिपोव ने स्वागत किया।

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ताशकंद में चल रही है शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अफगानिस्तान के चीफ एग्जिक्युटिव डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मुलाकात की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 'आर्थिक सहयोग हमारे लोगों के भविष्य को मजबूत करने और उन्हें बेहतर जीवन सुनिश्चित करने की नींव है। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण महत्व का है।'

रक्षा मंत्री ने साथ ही कहा कि आतंकवाद हमारे समाजों को बाधित करने और हमारे विकासात्मक प्रयासों को कम करने के लिए जारी है। इस संकट से लड़ने का एक ही तरीका है, अपवादों या दोहरे मानकों के बिना, सभी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कानूनों और तंत्र को आतंकवादियों और उनके समर्थकों से निपटने के लिए मजबूत करना और लागू करना।

एससीओ की बैठक में भाग लेने के अलावा, वह उज्बेकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1 नवंबर को तीन दिवसीय यात्रा पर ताशकंद पहुंचे थे। उन्होंने यहां शास्त्री स्ट्रीट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। पूर्व नेता का 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में निधन हो गया था।

रक्षा मंत्री ने यहां शास्त्री मेमोरियल स्कूल का भी दौरा किया और वहां अध्ययनरत छात्रों से बातचीत की। उन्होंने उस स्कूल में विजिटर्स बुक पर भी हस्ताक्षर किए जिसमें उन्होंने शास्त्री को श्रद्धांजलि दी।

एससीओ की बैठक में भाग लेने के अलावा, वह उज्बेकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

बता दें कि वर्ष 2017 में एससीओ में भारत के सदस्य बनने के बाद सीएचजी की यह तीसरी बैठक होगी। पिछले वर्ष एससीओ की बैठक ताजिकिस्तान के दुशान्बे में हुई थी, जबकि वर्ष 2017 में रूस के सोची में यह बैठक हुई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत क्षेत्र में विभिन्न एससीओ सहयोग गतिविधियों/संवाद तंत्र में शामिल है। हम बहुपक्षीय सहयोग को और विकसित करने के लिए भी प्रयासरत हैं।


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