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आज दो लोगों को साहित्य के लिए दिया जाएगा नोबल पुरस्कार, इन नामों को लेकर चर्चा तेज

स्वीडिश एकादमी गुरुवार को दो विजेताओं को साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार देगी। इसकी घोषणा कर दी गई है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 09:50 AM (IST)
आज दो लोगों को साहित्य के लिए दिया जाएगा नोबल पुरस्कार, इन नामों को लेकर चर्चा तेज
आज दो लोगों को साहित्य के लिए दिया जाएगा नोबल पुरस्कार, इन नामों को लेकर चर्चा तेज

स्टॉकहोम,एएफपी। स्वीडिश एकादमी ने यौन उत्पीड़न कांड पर पिछले साल के पुरस्कार को स्थगित करने के बाद, गुरुवार को दो विजेताओं को साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार देगी। घोषणा के अनुसार 2018 के लिए एक और 2019 के लिए एक विजेता का चयन किया गया है। साइट यूनीबेट के अनुसार, इस दौरान कुछ नाम जो चर्चा में रहे वे हैं कवि ऐनी कार्सन और उपन्यासकार मार्गरेट एटवुड, दोनों कनाडा साथ ही केन्याई लेखक न्गुगी वा थिओगो (Ngugi Wa Thiong'o), पोलिश लेखक और कार्यकर्ता ओल्गा टोकार्कुक और फ्रांसीसी गुआदेलूपियन मैरीस कोंडे के नाम शामिल थे।

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क्यों स्थगित किया गया था नोबोल पुस्कार देना

विशेषज्ञों का कहना है कि अकादमी इस साल के विकल्पों के साथ किसी भी तरह का कोई  समझौता नहीं करना चाहते थे। दरअसल, पिछली बार जिनका नाम नोबल साहित्य पुरुस्कार के लिए दिया गया था उनमें से एक के पति को यौन उत्पीड़न के मामले में जेल की सजा काटनी पड़ी थी। इसलिए एकादमी ने इसे स्थगित कर दिया था।

इससे पहले कभी नहीं हुई थी पुरस्कार देने में इतनी देर

इस खुलासे ने  स्वीडन को हिला कर रख दिया था। स्वीडन  एक ऐसा राष्ट्र जो खुद की पारदर्शिता और सहमतिपूर्ण लोकतंत्र पर गर्व करता है ऐसे राष्ट्र में पिछले 70 सालों में (2018 में साहित्य के लिए नोबल पुरस्कार को स्थगित किया गया) पहली बार पुरस्कार को रद किया है। साहित्यिक आलोचक ने एएफपी से बातचीत में कहा कि नए तरीके से सदस्यों का चुनाव के बाद ये उम्मीद है कि इन लेखकों का किसी विवाद के साथ कोई नाता ना हो। 1901 के बाद से नोबल जीतने वाले साहित्यकारों में से 14 महिलाएं हैं। इस साल संस्थान के भीतर कई बदलावों को देखते हुए विजेताओं को लेकरअटकलें और भी तेज हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि नोबेल फाउंडेशन की इसकी स्थापना 29 जून 1901 में हुई थी। जिसका उद्देश्य  नोबेल प्राइज का आर्थिक संचालन करना है। 


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