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तुर्की के हागिया सोफिया म्यूजियम को मस्जिद में बदलने के फैसले को पोप ने की आलोचना

इस्तांबुल (तुर्की का शहर) के प्रसिद्ध हागिया सोफिया म्यूजियम को मस्जिद में बदले जाने पर उन्होंने निंदा की है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 04:42 PM (IST)
तुर्की के हागिया सोफिया म्यूजियम को मस्जिद में बदलने के फैसले को पोप ने की आलोचना
तुर्की के हागिया सोफिया म्यूजियम को मस्जिद में बदलने के फैसले को पोप ने की आलोचना

वेटिकन सिटी, रायटर। पोप फ्रांसिस ने हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में तब्दील करने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि तुर्की द्वारा लिए गए इस निर्णय से उन्हें गहरा धक्का लगा है।

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रविवार को सेंट पीटर्स स्क्वायर में अपनी साप्ताहिक प्रार्थना सभा में पोप ने कहा, 'मैं जब सांता सोफिया के बारे में सोचता हूं तो बहुत दुख होता है।' उधर, व‌र्ल्ड आर्थोडॉक्स क्रिश्चियन के इस्तांबुल स्थित एक धार्मिक नेता ने तुर्की के फैसले को निराशाजनक बताया है। बता दें कि तुर्की की एक अदालत ने 1934 के तत्कालीन सरकार के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें इस मस्जिद को संग्रहालय का दर्जा दिया गया था। राष्ट्रपति रेसप तैय्यब एर्दोगन ने शुक्रवार शाम देश को संबोधित करते हुए कहा था कि हागिया सोफिया में 24 जुलाई को पहली बार नमाज पढ़ी जाएगी।

व‌र्ल्ड काउंसिल ऑफ चर्चेस ने भी उठाए सवाल

व‌र्ल्ड काउंसिल ऑफ चर्चेस के प्रमुख ने तुर्की के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर हागिया सोफिया को एक संग्रहालय से मस्जिद में तब्दील करने के फैसले पर दुख और निराशा व्यक्त की है। जिनेवा स्थित संगठन के अंतरिम महासचिव इयान साका द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि विश्व धरोहर सूची में शामिल हागिया सोफिया सभी देशों के लोगों के लिए प्रेरणा का स्थान है। उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उधर, फ्रांस के विदेश मंत्री जीन ये ली ड्रियन हागिया सोफिया को मस्जिद में तब्दील करने के फैसले को गलत बताया है। इस कदम से आधुनिक और धर्मनिरपेक्ष तुर्की पर सवाल उठेंगे। वहीं अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह निर्णय से निराश है और वह इस बात को देखेगा कि तुर्की इस फैसले को कैसे लागू करता है।

चर्च और मस्जिद से लेकर संग्रहालय तक का सफर

हागिया सोफिया इमारत का निर्माण वर्ष 360 में हुआ था। उस समय यह चर्च था। हागिया सोफिया इमारत के निर्माण के बाद तकरीबन एक हजार साल तक यह दुनिया के प्रमुख चर्चो में से एक था। 15वीं शताब्दी में उस्मान बिजान्तिनों ने इस्तांबुल पर आक्रमण कर अपना अधिकार जमा लिया। इसके बाद इस चर्च को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया। जब आधुनिक तुर्की के निर्माता ओटोमन साम्राज्य का तख्तापलट किया तो उन्होंने वर्ष इस इमारत को संग्रहालय घोषित कर दिया।


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