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मालदीव में पीएम मोदी ने पाक पर साधा निशाना, कहा- सरकार प्रायोजित आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा

मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि लोग अब भी अच्छा आतंकी और बुरा आतंकी का भेद करने की गलती कर रहे हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 07:11 AM (IST)
मालदीव में पीएम मोदी ने पाक पर साधा निशाना, कहा- सरकार प्रायोजित आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा
मालदीव में पीएम मोदी ने पाक पर साधा निशाना, कहा- सरकार प्रायोजित आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा

माले, पीटीआइ/एएनआइ। मालदीव की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार प्रायोजित आतंकवाद हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती है। यह खतरा एक देश या एक क्षेत्र के लिए नहीं, यह खतरा पूरी मानवता के लिए है। यात्रा के दौरान भारत और मालदीव के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही मालदीव ने प्रधानमंत्री मोदी को विदेशियों को दिए जाने वाले अपने सर्वोच्च सम्मान 'रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन' से सम्मानित किया।

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मालदीव की संसद 'मजलिस' को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि लोग अब भी अच्छा आतंकी और बुरा आतंकी का भेद करने की गलती कर रहे हैं। कृत्रिम मतभेदों में पड़कर हमने बहुत समय गवां दिया है। पानी अब सिर से ऊपर निकल रहा है। प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए सभी मानवतावादी शक्तियों का एकजुट होना जरूरी है।

आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे बड़ी कसौटी है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता है जब आतंकवाद कहीं किसी जगह अपना भयानक रूप दिखाकर किसी निर्दोष की जान न लेता हो। आतंकियों के न तो अपने बैंक होते हैं, न टकसाल और न ही हथियारों की फैक्ट्री फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कभी कमी नहीं होती है। कहां से पाते हैं ये सब, कौन देता है उन्हें ये सुविधाएं?

जलवायु जैसे सम्मेलन आतंकवाद पर क्यों नहीं?
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार विश्व समुदाय ने जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति विश्व सम्मेलन किए हैं वैसे ही आतंकवाद पर क्यों नहीं हो रहे हैं? उन्होंने कहा कि मैं विश्व संगठनों से आग्रह करूंगा कि एक समयसीमा के भीतर आतंकवाद पर ग्लोबल कांफ्रेंस आयोजित करें ताकि आतंकियों और उनके समर्थक जिन खामियों का फायदा उठाते हैं, उन्हें बंद करने पर विचार किया जा सके। अगर अब हमने और देर की तो आज और आने वाली पीढि़यां हमें माफ नहीं करेंगी।

चीन पर निशाना, मालदीव को संदेश
मालदीव की पिछली सरकार की चीन से नजदीकी काफी बढ़ गई थी। बाद में चीन ने भारी-भरकम कर्ज देकर मालदीव को गहरे संकट में फंसा दिया। प्रधानमंत्री ने मालदीव को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, 'हम मित्र हैं और मित्रता में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है। यह भरोसा इस विश्वास से आता है कि हम एक दूसरे की चिंताओं और हितों का ख्याल रखेंगे जिससे हम दोनों ही और अधिक समृद्ध हों और सुरक्षित रहें।' उन्होंने कहा कि भारत की विकास साझेदारी लोगों को सशक्त करने के लिए है, उन्हें कमजोर करने, खुद पर निर्भरता बढ़ाने या भावी पीढि़यों पर कर्ज का बोझ लादने के लिए नहीं है।

मजलिस में संबोधन पर जताई खुशी
मोदी ने कहा, 'मालदीव में और इस मजलिस में आपके बीच आकर अपार हर्ष हो रहा है। मजलिस ने सर्वसम्मति से मुझे निमंत्रण देने का निर्णय नशीद के स्पीकर बनने के बाद अपनी पहली ही बैठक में लिया, आपके इस भाव ने हर भारतीय के दिल को छू लिया और उनका सम्मान और गौरव बढ़ाया है।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं दूसरी बार मालदीव आया हूं। एक प्रकार से दूसरी बार मजलिस की ऐतिहासिक कार्यवाही का साक्षी हूं। पिछले वर्ष मैं खुशी और गर्व के साथ राष्ट्रपति सोलिह के शपथ ग्रहण में शामिल हुआ था।'

'पड़ोस प्रथम' हमारी प्राथमिकता
मोदी ने आगे कहा, 'पड़ोस प्रथम' हमारी प्राथमिकता है और इसमें मालदीव की प्राथमिकता बहुत स्वाभाविक है। इसलिए आपके बीच मेरी उपस्थिति संयोग मात्र नहीं है। पिछले दिसंबर में राष्ट्रपति सोलिह ने भारत को अपना पहला गंतव्य बनाया और अब मालदीव का स्नेहपूर्ण निमंत्रण मुझे मेरे इस कार्यकाल में पहली विदेश यात्रा पर मालदीव ले आया है।

गुजरात का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में गुजरात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे पुराने बंदरगाहों में से एक लोथल मेरे गृह राज्य गुजरात में था। 2500 साल से भी पहले लोथल और सूरत जैसे शहरों के साथ मालदीव के व्यापारिक संबंध रहे हैं। मालदीव की कौडि़यां भारत के बच्चों की भी प्रिय रही हैं।

ऐतिहासिक मस्जिद के संरक्षण में भारत देगा मदद
मोदी ने कहा, 'हम एक ही गुलशन के फूल हैं इसलिए मालदीव की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन, दिबेही भाषा के शब्दकोष के विकास जैसे प्रॉजेक्ट्स में मालदीव को सहयोग देना भारत के लिए महत्व रखते हैं। फ्राइडे मस्जिद के संरक्षण में भारत के सहयोग की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हुई है। कोरल से बनी इस ऐतिहासिक मस्जिद जैसी दुनिया में कहीं नहीं है। मालदीव के लोगों ने सैकड़ों साल पहले इसका निर्माण किया था।'

मालदीव के राष्ट्रपति को भेंट किया बैट
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिकेट विश्व कप में खेल रहे भारतीय खिलाडि़यों के हस्ताक्षर वाला बैट मालदीव के राष्ट्रपति सोहिल को भेंट किया। मोदी ने कहा, 'क्रिकेट से जुड़ाव! मेरे मित्र राष्ट्रपति सोलिह क्रिकेट के प्रशंसक हैं, इसलिए मैं उन्हें क्रिकेट विश्व कप-2019 में खेल रही भारतीय टीम के हस्ताक्षर वाला बल्ला भेंट कर रहा हूं।' मालूम हो कि भारत मालदीव में एक क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की तैयारी भी कर रहा है। अप्रैल में सोलिह बेंगलुरु में आइपीएल मैच देखने भी पहुंचे थे और उन्होंने मालदीव की एक क्रिकेट टीम बनाने के लिए भारत से मदद मांगी थी।

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