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विदेशी पर्यवेक्षकों की निगरानी में होगा श्रीलंका में संसदीय चुनाव

राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने दो मार्च को पिछली संसद के साढ़े चार वर्ष पूरे होते ही उसे भंग करने की घोषणा कर दी थी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 03:44 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 03:44 PM (IST)
विदेशी पर्यवेक्षकों की निगरानी में होगा श्रीलंका में संसदीय चुनाव
विदेशी पर्यवेक्षकों की निगरानी में होगा श्रीलंका में संसदीय चुनाव

कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका में 25 अप्रैल को होने वाले संसदीय चुनाव विदेशी पर्यवेक्षकों की निगरानी में कराए जाएंगे। श्रीलंका के चुनाव आयोग ने संसद की 225 सीटों पर होने वाले चुनाव की निगरानी के लिए विभिन्न विदेशी संस्थाओं को न्योता दिया है। इनमें यूरोपीय यूनियन और राष्ट्रमंडल देशों के अलावा एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शन (एएनएफआरईएल) जैसे एनजीओ शामिल हैं।

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राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने दो मार्च को पिछली संसद के साढ़े चार वर्ष पूरे होते ही उसे भंग करने की घोषणा कर दी थी। श्रीलंका के संविधान के अनुसार संसद भंग करने के लिए न्यूनतम साढ़े चार साल का कार्यकाल जरूरी है। गोतबाया ने पिछले साल नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी।

राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रत्याशी की हार के बाद जब तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफे दे दिया तो गोतबाया ने अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था। लेकिन संसद में विपक्षी धड़े के बहुमत के कारण वह मनमाफिक निर्णय नहीं ले पा रहे थे।


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