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पाकिस्‍तान चाहता है भारत से रिश्‍ते खत्‍म करे अफगानिस्‍तान, तालिबान के जरिये बढ़ाना चाहता है रणनीतिक प्रभाव

अफगानिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति हामिद करजई ने कहा है कि पाकिस्‍तान की कोशिश और लालसा है कि उनका देश भारत से सभी संबंध तोड़ ले। पाकिस्‍तान तालिबान के जरिए अफगानिस्‍तान में अपना रणनीतिक प्रभाव भी बढ़ाना चाहता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 06:31 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 06:31 PM (IST)
पाकिस्‍तान चाहता है भारत से रिश्‍ते खत्‍म करे अफगानिस्‍तान, तालिबान के जरिये बढ़ाना चाहता है रणनीतिक प्रभाव
अफगानिस्‍तान ओर भारत के रिश्‍ते खत्‍म करना चाहता है पाकिस्‍तान

काबुल (एएनआइ)। काबुल (एएनआइ)। एक तरफ जहां अमेरिका अफगानिस्‍तान से अपनी सेना की वापसी की तैयारी में जुटा है वहीं अफगानिस्‍तान को लेकर पाकिस्‍तान की मंशा लगातार सामने आ रही है। पहले मौजूदा राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्‍तान पर तालिबान से सांठगांठ का आरोप लगाया था वहीं अब अफगानिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति हामिद करजई ने पाकिस्‍तान की कलई खोली है। उन्‍होंने आरेाप लगाया है कि पाकिस्‍तान चाहता है कि अफगानिस्‍तान भारत से सभी संबंध तोड़ दे। वो यहीं पर नहीं रुके। उन्‍होंने आरोप लगाया है कि पाकिस्‍तान तालिबान के जरिए अफगानिस्‍तान में अपना रणनीतिक प्रभाव बढ़ाना चाहता है। पूर्व राष्‍ट्रपति करजई ने ये बातें जर्मनी के एक प्रकाशन के साथ हुए एक इंटरव्‍यू में कही हैं।

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उन्‍होंने डेर स्पीगल के साथ बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान की आक्रामकता जोरों पर है और संघर्ष भी जारी है। पाकिस्‍ताना की राजनीतिक मंशा को साफ करते हुए करजई ने ये भी साफ कर दिया है कि जो पाकिस्‍तान चाहता है वो असंभव है। उन्‍होंने इंटरव्‍यू के दौरान कहा कि यदि पाकिस्‍तान की मंशा के अनुरूप अफगानिस्‍तान ऐसा करने देगा तो अफगानिस्‍तान अपनी आजादी और संप्रभुता को खो देगा। उन्‍होंने भारत और अफगानिस्‍तान के मजबूत रिश्‍तों को याद करते हुए कहा कि यदि अफगानिस्‍तान अपनी सुरक्षा के लिए अपने जवानों को प्रशिक्षण देने के लिए भारत भेजना चाहता है तो वो ऐसा ही करेगा।

पाकिस्‍तान पर आरोप लगाते हुए करजई ने कहा कि वो तालिबान को माध्‍यम बनाकर अफगानिस्तान में रणनीतिक प्रभाव बढ़ाना चाहता है। उन्‍होंने पाकिस्‍तान को इशारों ही इशारों में इस बात का साफ संदेश दे दिया कि वह अफगानिस्‍तान को ताकत से नहीं जी सकता और न ही उसकी मंशा कभी पूरी होगी। उन्‍होंने कहा कि कोई भी बाहरी यहां पर प्रभाव नहीं जमा सकता है। करजई ने कहा कि अफगानिस्‍तान में न सोवियत संघ सफल हुआ न ही अमेरिका और पाकिस्‍तान भी इसमें कतई सफल नहीं हो सका। उनका कहना था कि पाकिस्तान को तर्कसंगत होते हुए भारत और अफगानिस्‍तान के साथ अच्‍छे रिश्‍ते बनाने चाहिए।

आपको बता दें कि अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने भी बीते सप्‍ताह एक विदेशी मैग्‍जीन को दिए इंटरव्‍यू में पाकिस्‍तान की भूमिका पर संदेह जताया था। उन्‍होंने कहा था कि पाकिस्‍तान की वजह से अफगानिस्‍तान बदहाल हुआ है। उन्‍होंने ये भी आरोप लगाया था कि तालिबान पूरी तरह से पाकिस्‍तान के कंट्रोल में काम करता है। पाकिस्‍तान से तालिबान को फंडिंग और लड़ाके मिलते हैं। वहां की सरकार और सेना इसमें सीधेतौर पर शामिल होती है।


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