अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति करजई ने उजागर किए पाकिस्तान के नापाक मंसूबे
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा है कि पाकिस्तान तालिबान के जरिये अफगानिस्तान में रणनीतिक प्रभाव बढ़ाना चाहता है। इससे इस क्षेत्र में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की विरासत का पता चलता है। लेकिन पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए कि वह ताकत से अफगानिस्तान को नहीं जीत सकता।
काबुल, एएनआइ। अमेरिकी सैनिकों की स्वदेश वापसी के बीच अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने एक जर्मन प्रकाशन को दिए साक्षात्कार में कहा है कि पाकिस्तान को यह बहुत अच्छा लगेगा, यदि उनका देश भारत के साथ सभी संबंध खत्म कर ले। इसके अलावा वह तालिबान के जरिये अफगानिस्तान में रणनीतिक प्रभाव भी बढ़ाना चाहता है। डेर स्पीगल के साथ बात करते हुए करजई ने कहा कि पाकिस्तानी आक्रामकता इस समय जोरों पर है और संघर्ष भी जारी है।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, 'असल में पाकिस्तान चाहता है कि अफगानिस्तान, भारत से अपना संबंध खत्म कर ले। यह असंभव है। यदि हम ऐसा होने देते हैं, तो हम अपनी संप्रभुता और आजादी खो देंगे। यदि हम अपने देश की भलाई के लिए पुलिस या सेना के जवानों या फिर लड़के और लड़कियों को प्रशिक्षण की खातिर भारत भेजना चाहते हैं, तो हम ऐसा करेंगे।'
उन्होंने आगे कहा, 'पाकिस्तान तालिबान के जरिये अफगानिस्तान में रणनीतिक प्रभाव बढ़ाना चाहता है। इससे इस क्षेत्र में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की विरासत का पता चलता है। लेकिन पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए कि वह ताकत से अफगानिस्तान को नहीं जीत सकता। बाहर से वह यहां पर प्रभाव नहीं जमा सकता। इसने ब्रिटेन के मामले में काम नहीं किया। सोवियत संघ यहां पर सफल नहीं हुआ। अमेरिका के मामले में भी यह असफल हुआ। और पाकिस्तान भी इसमें कामयाब नहीं होगा। पाकिस्तान को तर्कसंगत होना चाहिए और दोनों पड़ोसी देशों के बीच सभ्य रिश्ता बनाना चाहिए।