निगरानी सूची में शामिल होने के लिए पाक को 3 महीने की मोहलत, पाक विदेश मंत्री ने जताई खुशी
आतंकी गतिविधियों का सफाया करने के लिए निगरानी रखने वाली पैरिस की एक संस्था ने पाकिस्तान को इसके लिए 3 महीने का समय दिया है।
पेरिस (एएनआई)।आतंकवाद पर दुनिया भर के राष्ट्रों के आलोचना का शिकार हो रहा पाकिस्तान अब इस दाग से अपना दामन छुड़ाने के लिए सारे जुगत भिड़ाने का प्रयास कर रहा है। आपको बता दें कि कुछ समय पहले अमेरिका ने टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को निगरानी वाले देशों की सूची में डालने की पहल शुरू की थी, जिसे हाल ही में हुई FATF (फायनांशियल एक्शन टास्क फोर्स) के बैठक में मंजूरी नहीं मिली।
पेरिस की संस्था ने पाक को दिए 3 माह की मोहलत
इधर पाकिस्तान ने अमेरिका के इस पहल को धाराशायी करने का दावा किया है, जबकि आतंकी गतिविधियों का सफाया करने के लिए निगरानी रखने वाली पैरिस की एक संस्था ने पाकिस्तान को इसके लिए 3 महीने का समय दिया है। बता दें कि इस सूची के ज़रिए अमेरिका पाकिस्तान नजर रखेगा कि कहीं पाकिस्तान आतंकी संगठनों को किसी प्रकार का वित्तीय मदद तो नहीं कर रहा है। आपको बता दें कि आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाह देने वाले पाकिस्तान को अमेरिका ने हाल ही में सैन्य सहायता पर प्रतिबंध लगा दी थी।
पाक विदेश मंत्री ने ट्विटर पर जताई खुशी
पेरिस की संस्था के मुताबिक 3 महीने तक पाकिस्तान को इस सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'हमारी मेहनत रंग लाई। अमेरिका की पाकिस्तान को निगरानी वाले देशों की सूची में डालने की पहल को लेकर 20 फरवरी को जो मीटिंग हुई, उसमें पाकिस्तान को नामित करने के लिए सर्वसम्मति नहीं मिली।'
आपको बता दें कि ख्वाजा आसिफ का यह ट्वीट उस पाकिस्तानी रिपोर्ट की एवज में आया जिसमें कहा गया कि टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को निगरानी वाले देशों की सूची में रखने की अमेरिका की नीति फेल हो गई। इन दिनों रूस के दौरे पर चल रहे ख्वाजा आसिफ ने आगे ट्वीट करते हुए लिखा कि मीटिंग में 3 महीने का वक्त दिया गया है और APG (एशिया पैसिफिक ग्रुप) से दूसरी रिपोर्ट मांगी गई है जिस पर जून में विचार किया जाएगा।
ये है पाकिस्तान का डर
बता दें कि APG मनी लॉन्ड्रिंग पर आधारित एशिया पसिफ़िक ग्रुप का नाम है जोकि फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का हिस्सा है। बताया जाता है कि पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा था कि अमेरिका अपने एंटी मनी लॉन्ड्रिंग ग्रुप के ज़रिए उसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है...लेकिन अब 3 महीने का समय मिलने से पाकिस्तानी विदेश मंत्री खुश हैं।
इस मामले में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने उनका भी धन्यवाद किया जिन्होंने इस मामले में पाकिस्तान का साथ दिया। इस मामले में उनका इशारा चीन की तरफ था। बता दें कि चीन पाकिस्तान का सहयोगी राष्ट्र रहा है और शुरु से ही उसने पाक आतंकी गतिविधियों में उसका साथ देता आया है।
आतंकी टैग से छुटकारे पर संदेह
हालांकि पाकिस्तान को मिले 3 महीने की मोहलत को लेकर अभी भी संदेह है। पीपीपी नेता और पूर्व पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि सभी चाहते हैं कि पाकिस्तान इस निगरानी वाली सूची से बाहर निकले और आतंक के टैग से छुटकारा पाए, लेकिन अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है जिससे कहा जा सके कि अगले 3 महीनों में हालात बदलेंगे।