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स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बांग्लादेशियों पर पाकिस्तान के अत्याचार भूले नहीं जा सकते: शेख हसीना

हसीना ने कहा 1971 की घटनाओं को भुलाया नहीं जा सकता है। दर्द हमेशा के लिए रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि शेख मुजीबुर रहमान की पुस्तक अनफिनिश्ड मेमोरियर्स का उर्दू संस्करण पाकिस्तान में सबसे ज्यादा बिकने वाला है

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 12:18 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 12:18 PM (IST)
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बांग्लादेशियों पर पाकिस्तान के अत्याचार भूले नहीं जा सकते: शेख हसीना
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बांग्लादेशियों पर पाकिस्तान के अत्याचार भूले नहीं जा सकते: शेख हसीना

ढाका, एएनआइ। प्रधान मंत्री शेख हसीना ने कहा कि 1971 में आजादी के युद्ध के दौरान पाकिस्तान के अत्याचार बांग्लादेश के लिए हमेशा रहने वाली यादों की तरह है। ढाका में पाकिस्तानी उच्चायुक्त इमरान अहमद सिद्दीकी के साथ बात करते हुए हसीना ने कहा, '1971 की घटनाओं को भुलाया नहीं जा सकता है। दर्द हमेशा के लिए रहेगा।' BDNews24 ने बताया, 'सीक्रेट डाक्यूमेंट्स ऑफ़ इंटेलिजेंस ब्रांच ऑन फादर ऑफ़ दी नेशन बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान' नाम की किताब के बारे में जानकारी देते हुए हसीना ने कहा कि सभी 1948 से 1971 के बीच के कई ऐतिहासिक तथ्यों को किताबों से जान सकते हैं।

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उन्होंने आगे कहा कि शेख मुजीबुर रहमान की पुस्तक 'अनफिनिश्ड मेमोरियर्स' का उर्दू संस्करण पाकिस्तान में सबसे ज्यादा बिकने वाला है। वह पुस्तक पाकिस्तान और अन्य देशों में बहुत पढ़ी जाती है। BDNews24 ने आगे बताया कि पाकिस्तान उच्चायुक्त ने कहा कि उनका देश बांग्लादेश के साथ संबंध मजबूत करना चाहता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अपने नेतृत्व के लिए बांग्लादेश के प्रधान मंत्री को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की विदेश नीति 'सभी के प्रति मित्रता है, किसी के प्रति द्वेष भावना नहीं है।

सांप्रदायिक सद्भाव बांग्लादेश के संविधान को बनाए रखने की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक रहा है। हजारों वर्षों से बंगाली संस्कृति में धार्मिक सद्भाव कायम है। शेख मुजीबुर रहमान ने अपने एक भाषण में कहा, 'इस बंगाल में हिंदू, मुस्लिम, बंगाली, गैर-बंगाली हैं। वे हमारे भाई हैं। उनकी रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है ताकि हम बदनाम न हों।'


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