दुनिया में 110 करोड़ लोग इस चिलचिलाती गर्मी से बिलबिलाने को मजबूर
गर्मी से लड़ने वाले साधनों के अभाव में करोड़ों लोग के सिर पर मंडरा रहा है जान का जोखिम
ओस्लो, रॉयटर्स। आपके पास घर में फ्रिज और एसी की सुविधा है, दफ्तर में एयरकंडीशन है और वहां आने-जाने के लिए एसी कार है तो इस चिलचिलाती गर्मी से आप बच सकते हैं, लेकिन जिनके पास यह सहूलियतें नहीं हैं, वे इस गर्मी में बिलबिलाने के अलावा और क्या कर सकते हैं। जी हां, दुनिया की 760 करोड़ की आबादी में से 110 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनके पास गर्मी से लड़ने के लिए कोई साधन नहीं है।
एक अरब से ज्यादा ये लोग ग्लोबल वार्मिंग और उसके दुष्प्रभावों से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। फ्रिज के अभाव में उनका खाना और दवाइयां खराब हो जाती हैं। हाल में 52 देशों में करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार गर्मी से लड़ने वाले उपकरणों की कमी के कारण ग्रामीण इलाकों के 47 करोड़ और शहरी क्षेत्रों के 63 करोड़ लोग प्रभावित हैं।
प्रभावित देशों में भारत भी
कहना न होगा कि गर्मी से बचने के लिए जरूरी सुख-सुविधाओं की सबसे ज्यादा कमी एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों में है क्योंकि दुनिया की सबसे गरीब आबादी यहीं है। एशियाई देशों में भारत, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और इंडोनेशिया शामिल हैं।
गर्मी से होने वाली मौतें बढ़ेंगी
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार 2030 से 2050 के बीच हीट स्ट्रेस के कारण हर साल 38 हजार अतिरिक्त मौतें होंगी।
कूलिंग अप्लाएंसेस में आएगा उछाल
जलवायु परिवर्तन के कारण जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ता जाएगा, कूलिंग अप्लाएंसेस की बिक्री बढ़ती जाएगी। इसके कारण बिजली की मांग बढ़ेगी जो ग्लोबल वार्मिंग को और बढ़ाएगा। यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के एक अध्ययन के अनुसार 2050 तक कूलिंग अप्लाएंसेस की बिक्री चार गुना बढ़कर सालाना140 करोड़ हो जाएगी।