फेक न्यूज कानून के तहत सिंगापुर में विपक्षी दल को पोस्ट बदलने का आदेश
फेक न्यूज के खिलाफ सिंगापुर में हाल में बने कानून के तहत सरकार ने सोशल मीडिया पर एक विपक्षी दल द्वारा पेश आंकड़ों को भ्रामक बताते हुए उन्हें बदलने का आदेश दिया है।
सिंगापुर, रायटर। फेक न्यूज के खिलाफ सिंगापुर में हाल में बने कानून के तहत सरकार ने सोशल मीडिया पर एक विपक्षी दल द्वारा पेश आंकड़ों को भ्रामक बताते हुए उन्हें बदलने का आदेश दिया है। सरकार का कहना है कि सिंगापुर डेमोक्रेटिक पार्टी (एसडीपी) ने रोजगार के आंकड़ों को गलत तरीके से पेश कर देश में लागू ऑनलाइन फाल्सहुड एंड मैनिपुलेशन एक्ट (पीओएफएमए) का उल्लंघन किया है।
फेसबुक और वेबसाइट पर डाली गर्इ पोस्ट को लेकर हुआ विवाद
सोशल साइट फेसबुक और अपनी वेबसाइट पर डाले पोस्ट में एसडीपी ने लिखा है कि सिंगापुर में रोजगार के अवसरों में स्थानीय लोगों की संख्या कम हुई है। लेकिन सरकार का कहना है कि पिछले चार वर्षों में स्थानीय नागरिकों को रोजगार के ज्यादा अवसर प्राप्त हुए। दो महीने पहले लागू नए कानून के तहत सरकार ने एसडीपी को अपने पोस्ट के साथ यह नोट लगाने का आदेश दिया है कि इसमें दिए गए तथ्य भ्रामक और गलत हैं।
फेसबुक पोस्ट को हटाने का दिया था आदेश
सिंगापुर सरकार ने नवंबर के आखिरी हफ्ते में एक न्यूज साइट पर लिखे लेख को ठीक करने का फेसबुक को आदेश दिया था। इस लेख में सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में चुनाव धांधली करने का आरोप लगाया गया है। फेक न्यूज के खिलाफ बने कानून पर चिंता व्यक्त करने वाली दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी ने सरकार के इस अनुरोध पर कोई टिप्पणी नहीं की है और बिना किसी बदलाव के लेख अब भी साइट पर है।
सिंगापुर सरकार ने द स्टेट्स टाइम्स रिव्यू के कर्ताधर्ता एलेक्स टैन से चुनावों पर पोस्ट को ठीक करने का आदेश दिया था, लेकिन विदेश में रहने वाले टैन ने इसे मानने से इन्कार करते हुए कहा था कि वह आस्ट्रेलियाई नागरिक हैं और विदेशी सरकार का आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं हैं।
पिछले महीने ही लागू किया गया कानून
सिंगापुर ने पिछले महीने ही फेक न्यूज के खिलाफ एक कानून लागू किया है। यह कानून मंत्रियों को यह अधिकार देता है कि वह फेक न्यूज पर सोशल मीडिया साइट को चेतावनी जारी करने के साथ ही किसी विशेष परिस्थिति में पोस्ट या उसमें शामिल तथ्यों को हटाने का भी आदेश दे सकते हैं। सरकार के इस कदम को मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया है।