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बांग्लादेश ने कहा- एनआरसी लागू करना भारत का आंतरिक मामला, वही इसे सुलझाएंगे

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के मुद्दे पर भारत में जमकर राजनीति हो रही है। इसे पूरे देश में लागू करने की बात हो रही है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 08:27 AM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 08:27 AM (IST)
बांग्लादेश ने कहा- एनआरसी लागू करना भारत का आंतरिक मामला, वही इसे सुलझाएंगे
बांग्लादेश ने कहा- एनआरसी लागू करना भारत का आंतरिक मामला, वही इसे सुलझाएंगे

नई दिल्ली, प्रेट्र। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के मुद्दे पर भारत में जमकर राजनीति हो रही है। इसे पूरे देश में लागू करने की बात हो रही है। भारत ने बांग्लादेश से कहा है कि असम में एनआरसी का क्रियान्वयन एक आंतरिक मामला है जिसे आंतरिक रूप से ही सुलझाया जाएगा। बांग्लादेश के राजनयिक सैयद मुअज्जम अली ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में यह कहा।

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बांग्लादेश को चिंता करने की आवश्यकता नहीं

एक प्रश्न के उत्तर में राजनयिक ने कहा, 'हमें बताया गया है कि यह उनका आंतरिक मामला है और यह आंतरिक रूप से ही सुलझाया जाएगा, इसलिए बांग्लादेश को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने कहा है कि यह हमारा आंतरिक मामला है और हम इसे आंतरिक रूप से सुलझा लेंगे।' उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत के किसी आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा।

अभी तक किसी को बांग्लादेश वापस नहीं भेजा गया

अली ने यहां भारतीय महिला प्रेस कोर (आइडब्ल्यूपीसी) के एक कार्यक्रम में बताया कि एनआरसी के बाद अभी तक किसी को बांग्लादेश वापस नहीं भेजा गया है और किसी को वापस नहीं भेजा जाएगा, क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है। तीस्ता जल बंटवारा समझौते को लेकर असंतोष बना हुआ है।

बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों के लिए नई संभावनाएं

अली ने कहा कि तीस्ता जल बंटवारा समझौते को लेकर 'असंतोष' बना हुआ है। हालांकि, अगर इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए तो इससे भारत और बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश 54 नदियों को साझा करते हैं। नदी जल बंटवारा दोनों देशों के बीच अहम मुद्दा रहा है और इसके लिए स्थायी समाधान निकालने की आवश्यकता है। सितंबर 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान तीस्ता समझौते पर हस्ताक्षर होना था, लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा आपत्ति जताने के बाद आखिरी समय में इसे टाल दिया गया।


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