Move to Jagran APP

कहीं हुआ बुर्का बैन तो कहीं मिली मुस्लिम महिलाओं को और आजादी, जानें, कहां हुआ ये सब

यूरोप के बाद अब नीदरलैंड ने भी अपने यहां मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने पर रोक लगा दी है। सार्वजनिक जगहों पर महिलाएं अपने चेहरे को ढककर नहीं जा पाएंगी।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 03:08 PM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 04:25 PM (IST)
कहीं हुआ बुर्का बैन तो कहीं मिली मुस्लिम महिलाओं को और आजादी, जानें, कहां हुआ ये सब
कहीं हुआ बुर्का बैन तो कहीं मिली मुस्लिम महिलाओं को और आजादी, जानें, कहां हुआ ये सब

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। एक ओर सऊदी अरब की महिलाओं को अब पुरुष अभिभावक (पिता-पति या अन्‍य ) की इजाजत के बिना विदेश यात्रा करने की अनुमति मिल रही है, वहीं दूसरी ओर नीदरलैंड में बुर्का पहनने पर रोक लगा दी गई है। यूरोप के कई देशों के बाद अब नीदरलैंड में भी किसी भी सार्वजनिक स्थल पर चेहरा ढंकने पर जुर्माने और नो एंट्री का प्रावधान लागू कर दिया गया है। इस देश ने अपने यहां 1 अगस्त 2019 से बुर्का को प्रतिबं‍ध कर दिया है। नए कानून के मुताबिक सार्वजनिक स्थलों पर ऐसा कोई भी पहनावा जो "चेहरे को ढके" प्रतिबंधित हो गया है। इसी के साथ स्कूल, अस्पताल, सार्वजनिक भवनों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बुर्के पर पाबंदी लागू कर दी गई है।

loksabha election banner

सऊदी अरब की बात करें तो यहां पर महिलाओं को अकेले विदेश जाने की अनुमति का मिलना यहां पर हो रहे बदलाव की प्रक्रिया का एक हिस्‍सा है। बीते करीब दो वर्षों से जारी सुधार कार्यक्रमों के चलते यहां पर महिलाओं को पहले वोट डालने का अधिकार दिया गया था। इसके बाद मैच देखने, ड्राइविंग करने का भी अधिकार दिया गया। आपको यहांं पर ये भी बता दें कि यहां पर काफी समय से महिलाएं अपने लिए कई नियय और कानून में छूट की मांग करती आ रही हैं। ताजे फैसले को महिलाओं की बड़ी जीत भी माना जा रहा है। नीदरलैंड की बात करें तो यहां बुर्का या नकाब पहनने वाली महिलाओं की संख्या लगभग 150 है। इसी के साथ सार्वजनिक स्‍थलों पर हेल्‍मेट पहनकर जाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। गौरतलब है कि यूरोप में बुर्के पर प्रतिबंध की बहस लंबे समय से चल रही थी। 

दरअसल बुर्का पहने होने की वजह से कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को लोगों का चेहरा नहीं दिखता है जिससे उनको शक की निगाह से देखा जाता है। अधिकारियों का कहना है कि यदि महिलाएं बुर्का न पहने रहें तो आसानी से ये पता चल जाएगा कि कौन क्या है। बुर्के की आड़ में कोई भी सार्वजनिक स्थान पर जाकर कुछ भी कर सकता है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी ने चेहरा दिखाने से इनकार किया तो उसे सार्वजनिक स्थानों पर जाने से रोका जा सकता है, साथ ही 150 यूरो के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। 

रोटरडाम की इस्लामिक पार्टी ने इस  प्रतिबंध का विरोध भी किया है, पार्टी का कहना है कि जो भी सार्वजनिक जगहों पर प्रतिबंधित कपड़े पहने हुए पकड़ा जाएगा, उसका जुर्माना इस्लामिक पार्टी भरेगी। अब फिलहाल नया कानून कैसे लागू होगा, इस पर सवाल हैं। नीदलैंड्स के कई शहरों में अस्पतालों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों ने प्रतिबंध को अमल में लाने से इनकार किया है। पुलिस भी कह रही है कि वह जबरदस्ती नहीं करेगी। 

फ्रांस बुर्के पर बैन लगाने वाला पहला देश
फ्रांस, यूरोप में बुर्के पर बैन लगाने वाला पहला देश है। फ्रांस ने करीब 10 साल पहले ऐसा प्रतिबंध लगाया था। बाद में कुछ और देशों ने भी यह पाबंदी लागू की। डेनमार्क में भारी विरोध के बावजूद बीते एक साल से बुर्के पर प्रतिबंध लागू है। 2018 में संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने कहा कि बुर्के पर बैन लगाने वाला कानून मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है। उधर 2019 में ऑस्ट्रिया ने अपने यहां प्राइमरी स्कूलों में छात्राओं के हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया था। ऑस्ट्रिया में 2017 से ही पूरा चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध है। जर्मनी के हेसे प्रांत में भी सिविल सेवा के कर्मचारियों के बुर्का पहनने पर पाबंदी है। 6 महीने पहले जर्मनी की कील यूनिवर्सिटी ने भी अपने यहां पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों को इस तरह से बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस यूनिवर्सिटी ने अपने यहां खुले संवाद और भाव भंगिमा का हवाला देकर पूरा चेहरा ढंकने वाली पोशाक पर प्रतिबंध लगाया था। 

इन देशों में भी बैन है 'बुर्का' 

फ्रांस
फ्रांस यूरोप का पहला देश था जिसने खुले में बुर्का और नकाब पहनने पर रोक लगाई था। यूरोप में यह रोक अप्रैल 2011 से लागू है, भेदभाव के आरोपों से बचने के लिए कानून में धार्मिक पोशाकों का जिक्र नहीं हैं। उसमें कहा गया है कि कोई भी सार्वजनिक स्थल पर ऐसी पोशाक नहीं पहन सकता, जो चेहरे को ढकने के काम आए, इसी तरह स्कूलों में 2004 से ही स्कार्फ सहित हर प्रकार की धार्मिक चीजें पहनने पर प्रतिबंध है। 

बेल्जियम
जुलाई 2011 से बेल्जियम में भी सार्वजनिक रूप से चेहरे को ढकने पर प्रतिबंध है। यहां पर इस नियम का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है, नियम को नहीं मानने वाले को जुर्माना या सात दिन की कैद की सजा हो सकती है। बेल्जियम में रहने वाले 10 लाख मुसलमानों में सिर्फ 300 महिलाएं नकाब या बुर्का पहनती हैं।

नीदरलैंड
नीदरलैंड में संसद ने चेहरा ढकने पर 2016 में रोक लगाई। तब से नकाब या बुरके पर पूरे देश में रोक नहीं है बल्कि ये रोक सार्वजनिक इमारतों, सार्वजनिक परिवहन तथा स्कूलों और अस्पतालों में लागू है। इस नियम को नहीं मानने वालों को 400 यूरो तक की सजा हो सकती है। 

बुल्गारिया
नीदरलैंड की तरह बुल्गारिया ने भी 2016 में चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया। यहां भी नियम का पालन न करने की सजा है। इसके लिए 750 यूरो तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। खेल, नौकरी और इबादतगाह में ये लागू नहीं होता।

ऑस्ट्रिया
ऑस्ट्रिया ने सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढकने पर अक्टूबर 2017 से रोक लगा रखी है। यहां के कानून के मुताबिक ठुड्डी से लेकर सिर के बालों तक महिलाओं का चेहरा दिखना चाहिए, यदि ऐसा नहीं होता तो उन पर 150 यूरो का जुर्माना लग सकता है।

डेनमार्क
डेनमार्क की संसद ने मई के अंत में 30 के मुकाबले 75 वोटों से चेहरे को ढकने पर प्रतिबंध के कानून को पास किया था। पहली बार इस नियम का हनन करने पर 135 यूरो का जुर्माना है जो अपराध दोहराए जाने पर दस गुना हो सकता है। डेनमार्क में एक अगस्त से ये कानून लागू हुआ है।

इटली
इटली में 1970 के दशक से ही एक कानून लागू है जो हर ऐसी पोशाक पहनने पर रोक लगाता है जो शिनाख्त में बाधा डाले। 

अन्य देश
जर्मनी, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड सहित कई अन्य यूरोपीय देशों में बुर्का पर प्रतिबंध लगाने पर बहस हो रही है। स्पेन में स्थानीय स्तर पर इसे कैटेलोनिया के एक हिस्से में लागू करने की कोशिश हुई लेकिन अदालत ने इसे रोक दिया।

क्या होता है बुर्का
बुर्के का चलन मुस्लिम समाज में है। महिलाएं अपने पूरे शरीर को ढकने के लिए इसे पहनती है। बुर्के में मुस्लिम महिलाओं का पूरा शरीर ढका होता है। आंखों के लिए बस एक जालीनुमा कपड़ा होता है वो उसी से देखती है। कई देशों ने सार्वजनिक जगहों पर बुरका पहनने पर प्रतिबंध लगाया है।  

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.