Move to Jagran APP

अब बिना छुए चीजों उठा सकेगा रोबोट, ध्वनि तरंगों का मदद से हासिल हुई अनोखी क्षमता

Novel robot moves things without touching them वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोटिक ग्रिपर किया है जो छोटी चीजों को बिना छुए एक जगह से दूसरी जगह रख सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 08:58 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 09:06 PM (IST)
अब बिना छुए चीजों उठा सकेगा रोबोट, ध्वनि तरंगों का मदद से हासिल हुई अनोखी क्षमता
अब बिना छुए चीजों उठा सकेगा रोबोट, ध्वनि तरंगों का मदद से हासिल हुई अनोखी क्षमता

जेनेवा, पीटीआइ। Novel robot moves things without touching them क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि चीजों को बिना छुए उसे उसकी मूल जगह से हटाकर दूसरी जगह रखा जा सकता है। अब यह संभव है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोटिक ग्रिपर किया है, जो छोटी और नाजुक चीजों को बिना छुए ध्वनि तरंगों का मदद से उसे एक जगह से दूसरी जगह रख सकता है। इस प्रोटोटाइप रोबोट को स्विटजरलैंड में ईटीएच ज्यूरिक के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है।

loksabha election banner

अल्ट्रासाउंड तरंगें करती हैं चमत्‍कार

इसमें दो अर्ध-गोलीय वस्तुएं और एक ही तरह के दो हेडफोन लगे होते हैं। ये गोलीय वस्तु माइक्रोचिप से लैस एक सर्किट बोर्ड से जुड़ी होती हैं। एक छोटी गोलीय वस्तु इन दोनों अर्ध-गोलीय वस्तु के ऊपर होती है, जिसे अल्ट्रासाउंड वाली तरंगें नियंत्रित करती हैं। ज्यूरिक ईटीएच के फेलो मार्सल शुक का कहना है, 'इस परिघटना को ध्वनि उत्तोलन कहा जाता है।' वह एक ऐसी पद्धति विकसित कर रहे हैं, जो इसे छोटी वस्तुओं को बिना छुए पूरी तरह उठाने में सक्षम बना सके।

नाजुक वस्तुओं के नुकसान का खतरा

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उन परिस्थितियों में काफी कारगर साबित हो सकता है, जब छोटी चीजों के नुकसान का असर हमारी जेब पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, घड़ी बनाने के काम या फिर सेमीकंडक्टर उद्योग में। उनका कहना है कि पारंपरिक रोबोटिक ग्रिपर से नाजुक वस्तुओं के नुकसान का खतरा होता है। इससे बचने के लिए मुलायम और रबड़ जैसे ग्रिपर का प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि, इन मुलायम रोबोटिक ग्रिपर से चीजों को स्थानांतरित करने की सीमा भी है।

ऐसे काम करती है नई तकनीक

शोधकर्ताओं ने बताया कि नई तकनीक एक ऐसे प्रभाव पर आधारित है, जिसका प्रयोग 80 वर्षो से होता आ रहा है और पहली बार अंतरिक्ष अन्वेषण में इस्तेमाल किया गया। अल्ट्रासाउंड वेव एक दबाव क्षेत्र पैदा करती है, जिसे मनुष्य देख या सुन नहीं सकता है। दबाव बिंदुओं को ध्वनि तरंगों के रूप में एक-दूसरे के ऊपर बनाया जाता है और छोटी वस्तुओं को इन बिंदुओं के भीतर फंसाया जा सकता है। नतीजतन, वे एक ध्वनि जाल में हवा में स्वतंत्र रूप से तैरने लगती हैं।

स्‍पेस अभियानों में मिलेगी मदद

शोधकर्ताओं ने थ्री-डी प्रिंटर का उपयोग करके कई छोटे-छोटे लाउडस्पीकर को दोनों अर्ध-गोलों में फिट किया। संबंधित सॉफ्टवेयर शोधकर्ताओं को लाउडस्पीकर इस तरह नियंत्रित करने में सक्षम बनाता है कि दबाओ बिंदुओं को चारों तरफ घुमाया जा सके। शोधकर्ताओं ने बताया कि हमारा लक्ष्य वस्तुओं को जमीन पर गिरे बिना उनकी जगह को वास्तविक समय में बदलने की है। इस तकनीक का प्रयोग करके वैज्ञानिक अंतरिक्ष में कई छोटी-छोटी वस्तुओं को स्थानांतरित करने में सक्षम थे।

आकार के मुताबिक एडजस्ट करता है ग्रिपर

शोधकर्ताओं ने बताया कि वस्तु के आकार के हिसाब से सॉफ्टवेयर ग्रिपर को समायोजित किया जाता है और रोबोट का बाजु फिर उसे लक्षित जगह तक पहुंचाता है। उनका कहना है कि बिना छुए वस्तुओं को पकड़ने का आर्थिक लाभ भी है। जब हम पारंपरिक रोबोट से काम करते हैं, तो लगभग सभी नए आकार के लिए अलग-अलग ग्रिपर की जरूरत पड़ती है। वहीं, ध्वनि तरंगों के आधार पर काम करने वाला ग्रिपर महंगे ग्रिपर की जरूरत खत्म कर देगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.