Move to Jagran APP

पुरानी दोस्ती में जान फूंकने रूस गए उत्तर कोरिया के नेता किम, जानें कैसे रहे है इन दोनों के रिश्‍ते

अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में आए गतिरोध और चीन के साथ संतुलन बनाने के प्रयास में उत्तर कोरिया के नेता किम रूस की ओर देख रहे हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 04:43 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 04:43 PM (IST)
पुरानी दोस्ती में जान फूंकने रूस गए उत्तर कोरिया के नेता किम, जानें कैसे रहे है इन दोनों के रिश्‍ते
पुरानी दोस्ती में जान फूंकने रूस गए उत्तर कोरिया के नेता किम, जानें कैसे रहे है इन दोनों के रिश्‍ते

एएफपी [प्योंगयांग]। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन अब रूस के साथ दशकों पुरानी दोस्ती में नई जान फूंकने की कवायद में जुट गए हैं। इस सिलसिले में वह रूस के पहले दौरे पर रवाना हुए हैं, जहां वह बुधवार और गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे।

loksabha election banner

दोनों नेताओं की यह शिखर वार्ता व्लादीवोस्तक शहर में होगी। उत्तर कोरिया और रूस के बीच दशकों पहले बहुत अच्छे संबंध थे, लेकिन बाद में उनमें ठहराव आ गया था। किम अब इस दोस्ती को पुनर्जीवित करना चाहते हैं।

माना जा रहा है कि अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में आए गतिरोध और चीन के साथ संतुलन बनाने के प्रयास में वह रूस की ओर देख रहे हैं। आठ साल पहले उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग द्वितीय और रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव की मुलाकात के बाद दोनों देशों के मौजूदा नेताओं किम और पुतिन के बीच यह पहली शिखर वार्ता होगी।

विश्लेषकों का कहना है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से किम एक साल में चार बार मिले, लेकिन अब वह परमाणु वार्ता में आए गतिरोध में व्यापक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग हासिल करना चाहते हैं।

उत्तर कोरिया से प्रतिबंध हटाने का रूस पक्षधर
रूस पहले ही यह मांग कर चुका है कि उत्तर कोरिया को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत मिलनी चाहिए। जबकि अमेरिका ने यह आरोप लगाया था कि रूस कुछ प्रतिबंधों से बचने में उत्तर कोरिया की मदद कर रहा है। रूस ने हालांकि इस आरोप से इन्कार किया था। किम और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच गत फरवरी में वियतनाम में दूसरी शिखर वार्ता हुई थी, लेकिन उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग पर यह वार्ता बेनतीजा समाप्त हो गई थी।

रूस-उत्तर कोरिया के गहरे थे संबंध
सोवियत संघ और उत्तर कोरिया के बीच 1948 में पहली बार संबध स्थापित हुए थे। इसके बाद हुए कोरियाई युद्ध में सोवियत सेना उत्तर कोरिया के साथ खड़ी थी। सोवियत संघ के टूटने के बाद भी दोनों देशों के बीच बहुत अच्छे संबंध थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.