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कोरियाई प्रायद्वीप पर फिर अशांत होते जा रहे हैं हालात, किम की तरफ से दी जा रही धमकी

उत्‍तर और दक्षिण कोरिया के बीच एक बार फिर हालात खराब हो रहे हैं। उत्‍तर कोरिया लगातार धमकी भी दे रहा है। किम की तरफ सेना को अगले आदेश तक चौकस रहने को कहा गया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 10:30 AM (IST)
कोरियाई प्रायद्वीप पर फिर अशांत होते जा रहे हैं हालात, किम की तरफ से दी जा रही धमकी
कोरियाई प्रायद्वीप पर फिर अशांत होते जा रहे हैं हालात, किम की तरफ से दी जा रही धमकी

सियोल (रॉयटर्स)। कोरियाई प्रायद्वीप में एक बार फिर से हालात खराब होते जा रहे हैं। उत्‍तर कोरिया लगातार किम विरोधी गुटों पर काबू करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए दक्षिण कोरिया पर सख्‍त कार्रवाई करने की धमकी दे रहा है। इसके तहत कुछ ही दिन पहले उसने दोनों देशों के बीच शुरू की गई हॉटलाइन सेवा को भी बंद कर दिया था। अब और कड़ा रुख अपनाते हुए कोरियन पिपुल्‍स आर्मी (KPA) के जनरल स्‍टाफ ने कहा है कि यदि ये विरोधी गुट उनकी सीमा में सरकार विरोधी एजेंडे के साथ दाखिल होने की कोशिश करेंगे तो उनकी सेना इनसे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। रॉयटर्स ने स्‍थानीय मीडिया और केसीएनए समाचार एजेंसी के हवाले से लिखा है कि सेना की तरफ से इसको लेकर कड़ी चेतावनी दी गई है।

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कोरियन पिपुल्‍स आर्मी की तरफ से कहा गया है कि वो री-एंट्री जोन, जो वर्ष 2018 में हुए एक समझौते के बाद असैन्‍य क्षेत्र घोषित किया गया था, में इसको लेकर एक्‍शन प्‍लान तैयार कर रही है। KPA की तरफ से ये भी कहा गया है कि सेना पार्टी और सरकार की तरफ से मिले किसी भी आदेश तुरंत लागू करने के लिए तैयार बैठी है।

गौरतलब है कि बीते कुछ समय से उत्‍तर कोरिया से लगती सीमा पर किम विरोधी गुट गुब्‍बारों और बैनर के जरिए सरकार विरोधी प्रदर्शन को अंजाम दे रहे हैं। विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी किम के खिलाफ मानवाधिकार उल्‍लंघन के भी आरोप लगा रहे हैं। उत्‍तर कोरिया का आरोप है कि ये सब कुछ एक तय मंशा के तहत किया जा रहा है और दक्षिण कोरिया की सरकार इसको रोक नहीं रही है। इसकी वजह से दोनों देशों की सीमाओं पर एक बार फिर से तनाव बढ़ता जा रहा है।

वहीं दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय की तरफ से उत्‍तर कोरिया को वर्ष 2018 में हुए समझौते का पालन करने की नसीहत दी जा रही है। इस समझौते के मुताबिक दोनों पक्षों के विरोधी गुटों ने सभी शत्रुतापूर्ण कृत्यों को रोकने और दोनों देशों के बीच भारी किलेबंदी वाले क्षेत्र के साथ कई संरचनाओं को ध्वस्त करने पर सहमति जताई थी।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता की तरफ से कहा गया है कि हम इस स्थिति को लेकर काफी गंभीर हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि दक्षिण कोरियाई सेना सीमा पर होने वाली किसी तरह की कार्रवाई को लेकर सेना पूरी तरह से चौकस है। गौरतलब है कि शनिवार को उत्‍तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने सेना को अगले आदेश तक के लिए पूरी तरह से चौकस रहने के आदेश दिए हैं।


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