उत्तर कोरिया भी बना रहा कोरोना की वैक्सीन, क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू; विशेषज्ञों को संदेह
उत्तर कोरिया ने यह दावा कर दुनिया को चौंका दिया कि वह भी कोरोना वायरस की वैक्सीन बना रहा है।
सियोल, आइएएनएस। दुनियाभर में 100 से ज्यादा देश इस समय कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। इस बीच विनाशकारी हथियारों के शौकीन उत्तर कोरिया ने यह दावा कर दुनिया को चौंका दिया कि वह भी कोरोना वायरस की वैक्सीन बना रहा है। उसके वैज्ञानिक क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू कर चुके हैं। हालांकि, इस देश में आज तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है। स्टेट कमीशन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है।
योन्हाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस से संबद्ध मेडिकल बायोलॉजी इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक वैक्सीन के लिए एंजियोटेंसिन कन्वर्टिग एंजाइम-2 का इस्तेमाल कर रहे हैं। दावा है कि जानवरों पर परीक्षण में प्रतिरोधक क्षमता की दृष्टि से वैक्सीन खरी उतरी और पूरी तरह सुरक्षित पाई गई। इसके बाद ही इसी महीने क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया गया है। इसके अलावा स्टेट एकेडमी ऑफ साइंस की बायो-इंजीनियरिंग ब्रांच भी वैक्सीन के लिए रिसर्च में जुटी हुई है। हालांकि, उत्तर कोरिया की आर्थिक बदहाली और स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति के मद्देनजर विशेषज्ञ इस दावे को संदेह की नजर से देख रहे हैं।
बता दें कि इस समय अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और भारत समेत लगभग 150 के आसपास देश कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। कई देश इस दिशा में अंतिम पढ़ाव पर भी पहुंच गए हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन पर काम सबसे आगे चल रहा है। ऑक्सफोर्ड टीम वैक्सीन के परीक्षण का अंतिम चरण पूरा करने वाली है। यह वैक्सीन घातक कोरोना वायरस से 'दोहरी सुरक्षा' देती है।