अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस कदम से अधर में फंसी वाशिंगटन-प्योंगयांग वार्ता
उत्तर कोरिया को आतंकवाद प्रायोजित राष्ट्र घोषित किए जाने के साथ प्योंगयांग और वाशिंगटन के बीच बातचीत की संभावना काफी संकीर्ण हो गई है।
सियोल,एजेंसी । अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा उत्तर कोरिया को आतंकवाद प्रायोजित राष्ट्र घोषित किए जाने के साथ प्योंगयांग और वाशिंगटन के बीच बातचीत की संभावना काफी संकीर्ण हो गई है। यह खबर ऐसे समय आ रही है, जब सोमवार को दक्षिण कोरिया के एक सांसद ने दावा किया था कि जल्द ही उत्तर कोरिया और वाशिंगटन के बीच उच्च स्तरीय वार्ता शुरू होने वाली है। शुक्रवार को अमेरिकी विदेश विभाग की एक वार्षिक रिपोर्ट में उत्तर कोरिया को आतंकवाद प्रायोजित राज्य की लिस्ट में डालने के बाद इस बात की संभावना अब कम हो गई है कि दोनों देशों के बीच चला आ रहा शीत युद्ध समाप्त हो जाएगा।
सोमवार को यह दावा किया गया था कि नवंबर महीने में उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच एक और उच्च स्तरीय वार्ता हो सकती है। दक्षिण कोरिया का यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच स्वीडन में कार्यस्तरीय परमाणु वार्ता टूट चुकी है। यह उम्मीद दक्षिण कोरियाई सांसद ह्योनहे शिन ने जताई थी। उधर, दक्षिण कोरियाई कानूनविद् ली यूं-जे ने भी नेशनल इंटेलिजेंस सर्विस (एनआईएस) द्वारा एक ब्रीफिंग में भाग लेने के बाद किम द्वारा निर्धारित एक साल की समय सीमा से पहले होने वाली वार्ता को शुरू करने के लिए दोनों पक्षों से दिसंबर के शुरू में फिर से मिलने की उम्मीद जताई थी।
बता दे कि उत्तर कोरिया और अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीने स्टॉकहोम में पहली बार मुलाकात की थी। इस मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन पहली बार जून में वियतनाम में विफल शिखर सम्मेलन के बाद रुकी हुई परमाणु वार्ता को शुरू करने पर सहमत हुए थे। लेकिन स्वीडन में हुई वार्ता में उत्तर कारियाई दूत ने यह कहकर सबको निराश कर दिया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपना लचीलापन रुख दिखाने में विफल रहा है। इसके बाद से यह वार्ता एक बार फिर खटाई में पड़ गई।
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच स्वीडन में कार्यस्तरीय परमाणु वार्ता टूट गई थी। उत्तर कोरिया के शीर्ष वार्ताकार किम म्योंग गिल ने शनिवार को यह जानकारी दी थी। माना जा रहा था कि यह वार्ता दोनों देशों के बीच महीनों से जारी गतिरोध को खत्म करने की दिशा में बढ़ने में मदद करेगी, लेकिन शनिवार को अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता में पूरा दिन बिताने के बाद किम ने अपने दूतावास के बाहर पत्रकारों से बातचीत में उक्त घोषणा की थी।