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उत्‍तर कोरिया ने फिर किया हथियार परीक्षण, अमेरिका एवं द. कोरिया में सैन्‍य अभ्‍यास रद कराने का दबाव

उत्‍तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट के समीप एकबार फिर हथियारों का परीक्षण किया है। पिछले एक हफ्ते में उत्‍तर कोरिया का यह तीसरा हथियार परीक्षण है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 10:07 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 10:19 AM (IST)
उत्‍तर कोरिया ने फिर किया हथियार परीक्षण, अमेरिका एवं द. कोरिया में सैन्‍य अभ्‍यास रद कराने का दबाव
उत्‍तर कोरिया ने फिर किया हथियार परीक्षण, अमेरिका एवं द. कोरिया में सैन्‍य अभ्‍यास रद कराने का दबाव

सियोल, एपी। उत्‍तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट के समीप शुक्रवार को एक अज्ञात हथियार का दो बार परीक्षण किया। पिछले एक हफ्ते में उत्‍तर कोरिया ने अपना तीसरा हथियार परीक्षण किया है। माना जा रहा है कि प‍रमाणु हथियारों के मसले पर अमेरिका के साथ धीमी पड़ी बातचीत की प्रक्रिया तेज करने की खातिर दबाव बनाने को लेकर उत्‍तर कोरिया ऐसा कर रहा है। उत्‍तर कोरिया के ज्‍वाइंट चीफ ऑफ स्‍टाफ ने बताया कि उन्‍होंने पूर्वी तटवर्ती इलाके में शुक्रवार को तड़के 2:59 और 3:23 बजे हथियारों का परीक्षण किया।

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इससे पहले उत्तर कोरिया ने बुधवार को भी दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था। यही नहीं पिछले हफ्ते भी उसने दो मिसाइलों का परीक्षण किया था। बता दें कि उत्‍तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया को संयुक्त सैन्य अभ्यास ना करने की चेतावनी दी थी लेकिन दोनों देशों ने इसके बावजूद इसे जारी रखने का निर्णय लिया। यही कारण है कि इस कदम के जरिए वह अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास को रद कराने का दबाव बना रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के बीच गत 30 जून को परमाणु वार्ता बहाल करने पर सहमति बनी थी। लेकिन हालिया कदमों से यह अधर में फंस सकती है।

दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि बुधवार को उत्तर कोरिया के पूर्वी तटीय शहर वॉनसान के समीप से कम दूरी तक मार करने वाली दो मिसाइलें दागी गई। ये मिसाइलें करीब 250 किलोमीटर तक गई। उत्तर कोरिया ने गत 25 जुलाई को भी इस जगह से दो मिसाइलों का परीक्षण किया था। उनमें से एक मिसाइल 430 किलोमीटर और दूसरी 690 किलोमीटर दूर तक गई थी। विशेषज्ञों की मानें तो केएन-23 नामक नई मिसाइलों को आसानी से लांच किया जा सकता है। इन मिसाइलों को मिसाइल रक्षा प्रणाली से बचने के लिए तैयार किया जा रहा है।

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