Move to Jagran APP

इजरायल में तीसरी बार भी किसी को नहीं मिला बहुमत, जानिये किन विकल्‍पों पर हो सकता है विचार

इजरायल में साल भर में तीसरी बार हुए चुनावों में किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं हुआ है। जानें इजरायल में किन विकल्‍पों पर हो सकता है विचार...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 09:34 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 09:42 PM (IST)
इजरायल में तीसरी बार भी किसी को नहीं मिला बहुमत, जानिये किन विकल्‍पों पर हो सकता है विचार
इजरायल में तीसरी बार भी किसी को नहीं मिला बहुमत, जानिये किन विकल्‍पों पर हो सकता है विचार

यरुशलम, आइएएनएस। इजरायल में साल भर में तीसरी बार हुए चुनावों के नतीजों में किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली लिकुड पार्टी को महज 36 सीटें मिली हैं। सहयोगी दलों समेत उसके गठबंधन को कुल 58 सीटें मिली हैं जो 120 सदस्यों वाली संसद में बहुमत के आंकड़े 61 से तीन सीटें कम हैं। विपक्षी ब्ल्यू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीटें मिली हैं और उसके नेतृत्व वाले गठबंधन को 55 सीटें मिली हैं। ऐसे में इजरायल में क्‍या सियासी विकल्‍प हो सकते हैं, आइये डालते हैं उन पर एक नजर...

loksabha election banner

फ‍िर से हो सकते हैं चुनाव...

चुनाव आयोग परिणामों की पूरी जानकारी संभवत: दस मार्च को राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन को सौंपेगा। इसके बाद राष्ट्रपति सात दिन तक राजनीतिक दलों से बात करके सरकार गठन की संभावना तलाशेंगे। राष्ट्रपति राजनीतिक दलों को कुछ समय आपसी विचार-विमर्श के लिए दे सकते हैं। यदि फ‍िर भी बात नहीं बनती है तो इजरायल एक बार फिर चुनाव की ओर जा सकता है, जो खुद में विस्मयकारी फैसला होगा।

संविधान में संशोधन भी विकल्‍प

माना यह भी जा रहा है कि राष्ट्रपति सभी दलों की राय से संविधान में संशोधन कराकर राष्ट्रीय सरकार के गठन की पहल भी कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कट्टर विरोधी ब्ल्यू एंड व्हाइट पार्टी के नेता बेनी गेंट्ज को तैयार करना होगा। प्रचार अभियान के दौरान ही जीत हासिल नहीं होने की संभावना देखते हुए पूर्व सेनाध्यक्ष गेंट्ज ने नेतन्याहू के बगैर कोई भी सरकार गठित होने की कही थी।

नेतन्याहू की बढ़ी मुश्किलें

नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप उन पर सरकार से दूर होने के लिए दबाव डाल रहे हैं। अटॉर्नी जनरल की अनुमति के बाद नेतन्याहू पर 17 मार्च से मुकदमा चलाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। यही उनके राजनीतिक भविष्य के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है। अब जब इजरायल में साल भर में तीन बार हुए चुनाव के बाद भी वह मुल्‍क में अपनी सरकार बनाने की स्पष्ट स्थितियां बना पाने में विफल रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ये हालात नेतन्याहू की कुर्सी के लिए खतरा पैदा करने वाले हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.