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लेजर तकनीक में बदलाव लाने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्‍कार

96 वर्षीय अश्किन ने 1987 में ऑप्टिकल ट्वीजर्स का आविष्कार किया था। इससे कणों, अणुओं, वायरस और दूसरी जीवित कोशिकाओं को पकड़ा जा सकता है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 03:52 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 07:39 PM (IST)
लेजर तकनीक में बदलाव लाने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्‍कार
लेजर तकनीक में बदलाव लाने वाले तीन वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल पुरस्‍कार

 स्टॉकहोम, रायटर/एएफपी। लेजर तकनीक में महत्वपूर्ण खोज करने वाले तीन वैज्ञानिकों अमेरिका के आर्थर अश्किन, फ्रांस के जेरार्ड मोउरो और कनाडा की डोना स्टि्रकलैंड को इस साल के भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। इनकी खोज से प्रकाश की किरणें आंखों की सर्जरी से लेकर माइक्रो-मशीनों तक एक उपकरण की तरह इस्तेमाल होने लगीं।

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 अमेरिका की बेल लैब से जुड़े अश्किन को आधी पुरस्कार राशि मिलेगी, जबकि बाकी आधी राशि मोउरो और स्टि्रकलैंड साझा करेंगे। इस पुरस्कार के तहत दस लाख डॉलर (करीब 7.28 करोड़ रुपये) नकद और प्रतीक चिह्न दिए जाते हैं। कनाडा की वाटरलू यूनिवर्सिटी से जुड़ीं स्टि्रकलैंड भौतिकी का नोबेल जीतने वाली 55 सालों में पहली महिला हैं।

रॉयल स्वीडिश अकादमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा, 'इस साल उन खोजों को सम्मानित किया जा रहा है जिससे लेजर फिजिक्स में क्रांतिकारी बदलाव आया। इससे उन्नत उपकरणों के विकास से अनुसंधान, औद्योगिक और चिकित्सा के ऐसे कई क्षेत्र खुल रहे हैं जो अभी तक अनदेखे थे।' नोबेल पुरस्कार पाने की जानकारी मिलने पर 59 वर्षीय स्टि्रकलैंड ने कहा, 'यकीनन हम महिला भौतिक वैज्ञानिकों को जश्न मनाने की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि यह नई शुरुआत है।'

 अश्किन ने ऑप्टिकल ट्वीजर्स का आविष्कार किया 
96 वर्षीय अश्किन ने 1987 में ऑप्टिकल ट्वीजर्स का आविष्कार किया था। इससे कणों, अणुओं, वायरस और दूसरी जीवित कोशिकाओं को पकड़ा जा सकता है।

 मोउरो-स्टि्रकलैंड ने बनाए लेजर पल्स 
74 वर्षीय मोउरो व स्टि्रकलैंड ने इससे अलग अब तक के सबसे छोटे और सर्वाधिक शक्तिशाली लेजर पल्स तैयार किए। ये सब मिलकर उच्च तीव्रता वाले लेजर के लिए मानक बने। इन वैज्ञानिकों की तकनीक आज के दौर में आंखों की सर्जरी से लेकर कई क्षेत्रों में इस्तेमाल की जाती है।

अश्किन सबसे उम्रदराज नोबेल विजेता 
आर्थर अश्किन (96) सबसे उम्रदराज नोबेल विजेता बन गए हैं। इससे पहले अमेरिका के लियोनिद हरविक्ज ने 90 साल की उम्र में अर्थशास्त्र का नोबेल जीता था।

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नोबेल से जुड़े प्रमुख तथ्य

*1901 से अब तक 112 बार दिया गया भौतिकी का नोबेल

*तीन महिलाओं मैरी क्यूरी (1903), मारिया गोएपर्ट-मायर (1963) और डोना स्टि्रकलैंड (2018) ने यह सम्मान जीता

*1956 और 1972 में दो बार भौतिकी का नोबेल जीतने वाले जॉन बर्दीन इकलौते वैज्ञानिक

*लॉरेंस ब्रेग 25 साल की उम्र में यह सम्मान पाने वाले सबसे युवा विजेता थे। उन्होंने 1915 में अपने पिता के साथ भौतिकी का नोबेल जीता था।


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