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volcano alert system: तेजी से करेगा अलर्ट, ज्वालामुखी फटने से पहले करेगा सचेत

पिछले साल के अंत में ज्वालामुखी के अचानक फटने से वहां मौजूद 21 पर्यटकों की मौत हो गई थी।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 05:23 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 05:23 PM (IST)
volcano alert system: तेजी से करेगा अलर्ट, ज्वालामुखी फटने से पहले करेगा सचेत
volcano alert system: तेजी से करेगा अलर्ट, ज्वालामुखी फटने से पहले करेगा सचेत

वेलिंगटन, आइएएनएस। न्यूजीलैंड (New Zealand) के वैज्ञानिकों ने नए ज्वालामुखी अलर्ट सिस्टम का आविष्कार किया है। इनका कहना है कि पिछले साल व्हाइट आइलैंड आपदा से पहले यह सिस्टम चेतावनी जारी कर सकता था। बता दें कि इस विस्फोट में 21 लोगों की मौत हो गई थी। देश का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी वकारी ( Whakaari) पिछले साल के दिसंबर में अचानक फट गया था और उसपर मौजूद पर्यटकों की मौत हो गई थी।

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नए सिस्टम में एल्गोरिद्म पढ़ने वाली मशीन संलग्न है जो रियल टाइम डाटा का विश्लेषण करती है और भविष्य में विस्फोटों के बारे में जानकारी देती है। इस प्रोजेक्ट के यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड के एक वैज्ञानिक शेन क्रोनिन (Shane Cronin) ने सोमवार को बताया कि मौजूदा सिस्टम की प्रक्रिया काफी धीमी है। उन्होंने बताया, 'नया सिस्टम रियल टाइम में डेटा संग्रह करता है लेकिन पैनल द्वारा इसमें मुहैया जानकारी की जांच की जाएगी और फिर इसे एक्सपर्ट की प्रक्रिया से गुजरना होगा जिसमें थोड़ा वक्त लगेगा।' उन्होंने आगे कहा, दस साल पहले ज्वालामुखी के लिए हम चेतावनी देते थे लेकिन वह समय के साथ धीमी हो गई।

वकारी ज्‍वालामुखी विस्‍फोट

 न्यूजीलैंड के  व्‍हाइट आइलैंड पर वकारी ज्‍वालामुखी विस्‍फोट (Volcano Eruption) के बाद जांच भी शुरू हुई थी ताकि कारणों व हालातों का पता लगाया जा सके।  विस्फोट के बाद आइलैंड पर नाव व ड्रोन आदि भी भेजा गया था।  ड्रोन के जरिए वहां के गैसों को जमा कर विश्‍लेषण करने की बात हुई थी। साथ ही आइलैंड के लिए सुरक्षात्‍मक पहलुओं पर भी विचार किए जाने की बात की गई। इस ज्वालामुखी विस्‍फोट के कारण मरने वालों में  न्‍यूजीलैंड, ऑस्‍ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका,चीन और मलेशिया के पर्यटक थे। इस विस्फोट के बाद  हवा में 12,000 फीट तक राख फैल गया था। देश की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डन (Jacinda Ardern) ने भी हादसे पर दुख व्यक्त किया और हे‍लीकॉप्‍टरों और एयरक्राफ्ट के जरिए मौकास्‍थल का मुआयना कराया। उल्‍लेखनीय है कि ज्वालामुखी विभाग पहले से ही ज्वालामुखी की गतिविधि को मॉनिटर किया जा रहा था। इसके बाद विस्‍फोट को लेकर चेतावनी भी जारी हुआ फिर भी पर्यटकों को रोका नहीं गया।


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