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नई किताब में नया खुलासा, नॉर्थ कोरिया के परमाणु हमले से घबराते थे अमेरिकी रक्षा सचिव, डर इतना कि वर्दी में ही सो जाते थे

बॉब वुडवर्ड ने नई किताब लिखी है जिसमें ये लिखा गया है कि नॉर्थ कोरिया तानाशाह किम जोंग ने जब मिसाइलों का परीक्षण शुरू किया तो अमेरिकी रक्षा सचिव भी डर गए थे। वो वर्दी में सोते थे।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 04:25 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 04:25 PM (IST)
नई किताब में नया खुलासा, नॉर्थ कोरिया के परमाणु हमले से घबराते थे अमेरिकी रक्षा सचिव, डर इतना कि वर्दी में ही सो जाते थे
नई किताब में नया खुलासा, नॉर्थ कोरिया के परमाणु हमले से घबराते थे अमेरिकी रक्षा सचिव, डर इतना कि वर्दी में ही सो जाते थे

वाशिंगटन, एजेंसी। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के कारनामों से दुनिया के तमाम बड़े देश हैरान परेशान रहे हैं। इसी कड़ी में एक किताब में तानाशाह के कारनामों की एक और दहशत का खुलासा किया गया है। इस किताब में ये लिखा गया है कि साल 2017 में जब तानाशाह ने लगातार मिसाइलों का परीक्षण किया तो उससे अमेरिका सहित अन्य देशों के रक्षा सचिव खासे परेशान थे।

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अमेरिकी रक्षा सचिव तो इतने अधिक दहशत में थे कि वो अपनी वर्दी पहनकर ही सो जाते थे। इस किताब में ट्रंप के रक्षा सचिव माइक पोम्पिओ के बारे में भी बताया गया है। ये भी लिखा गया है कि पोम्पिओ नॉर्थ कोरिया के इस खुले युद्ध विराम से कितने चिंतित थे। इस किताब का नाम रेज ‘Rage’है और इसके लेखक बॉब वुडवर्ड (Bob Woodward) है। ये किताब इसी माह 25 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।

दरअसल साल 2017 के दौरान नॉर्थ कोरिया ने हाई-प्रोफाइल मिसाइल परीक्षणों की एक श्रृंखला आयोजित की। इनमें कोरिया ने अपनी लंबी दूरी तक मार करने वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का भी परीक्षण किया था। कुल मिलाकर नॉर्थ कोरिया ने लगभग दो दर्जन मिसाइलें दागीं। 

कोरिया के पास 30 से 40 परमाणु हथियार का अनुमान है। उन्होंने अपनी इस किताब में लिखा है कि जब कोरिया अपनी इन मिसाइलों का परीक्षण कर रहा था, उस दौरान रक्षा सचिव इतने अधिक डरे हुए थे कि वो अपनी वर्दी में ही सोने चले जाते थे। वो कपड़े भी नहीं बदलते थे, ये सब दहशत के कारण था।

नॉर्थ कोरिया की केसीएनए (कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी) के अनुसार मिस्टर वुडवर्ड वाटरगेट कांड के दौरान अपनी रिपोर्टिंग के लिए प्रसिद्ध हो गए थे। उन्होंने कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों और उनके प्रशासन पर किताबें प्रकाशित की हैं। अपने तमाम तरह के कामों के लिए वुडवर्ड ने कई प्रमुख अधिकारियों और राष्ट्रपतियों का पहले भी इंटरव्यू किया है।

उन्होंने ट्रम्प प्रशासन के कई प्रमुख अधिकारियों का साक्षात्कार लिया और स्वंय राष्ट्रपति के साथ 18 बैठकें की हैं। सीएनएन की पुस्तक की समीक्षा में यह भी पता चला कि जनरल मैटिस ने वाशिंगटन नेशनल कैथेड्रल का दौरा किया, जब नॉर्थ कोरिया लगातार मिसाइलों का परीक्षण कर रहा था।

2017 में नॉर्थ कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण ने ट्रम्प को हिंसक प्रतिक्रिया के साथ नॉर्थ कोरिया को धमकाया था। 8 अगस्त को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि नॉर्थ कोरिया संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए किसी तरह से खतरा नहीं है। यदि वो ऐसी हिमाकत करेंगे तो उनके साथ ऐसा होगा कि दुनिया ने ऐसी तस्वीर अभी तक नहीं देखी होगी। वो गुस्से की आग में जलकर राख हो जाएंगे। 

राष्ट्रपति ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन को "छोटा रॉकेट मैन" भी कहा। जनरल मैटिस ने दिसंबर 2018 में सीरिया से एक योजनाबद्ध अमेरिकी सेना की वापसी के विरोध में ट्रंप प्रशासन से इस्तीफा दे दिया। अपने त्याग पत्र में उन्होंने लिखा कि क्योंकि आपके पास रक्षा सचिव रखने का अधिकार है जिनके विचार इन और अन्य विषयों पर आपके साथ बेहतर गठबंधन हैं, मेरा मानना ​​है कि मेरे लिए अपने पद से हटना सही है।

नई पुस्तक के अनुसार जनरल मैटिस ने ट्रंप को खतरनाक माना। उसके बाद उन्होंने अमेरिकी दुश्मनों से हाथ मिलाया और ये प्लान बनाया कि अमेरिका को कैसे नष्ट किया जाए। उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश करने की सूचना दी है। शुरुआती विवाद के बाद ट्रंप प्रशासन और नॉर्थ कोरिया के बीच संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ। जून 2018 में ट्रंप नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन से मिलने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने थे। उस समय इस जोड़ी ने सिंगापुर में एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। इसके बाद अगले साल वियतनाम और उत्तर-दक्षिण कोरियाई सीमा पर भी बैठक हुई थी।

2018 में एक अभियान रैली में ट्रंप ने ये भी कहा था कि वो किम जोंग-उन के साथ पत्रों का आदान-प्रदान भी कर रहे हैं। उन्होंने टिप्पणी की कि पहले में नॉर्थ कोरिया के लिए बहुत सख्त था, इस वजह से किम जोंग भी सख्ती दिखा रहे थे। मगर समय बदला, फिर हम एक दूसरे से बातचीत करने लगे। उन्होंने मुझे बहुत सुंदर पत्र लिखे थे उनको मैं बार-बार पढ़ता था। 


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