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नया एआइ सिस्टम वीडियो से करेगा व्यक्ति के लिंग और उम्र की पहचान

एआइ की मदद से मानव सदृश रोबोट, अत्याधुनिक स्मार्टफोन व अन्य गैजेट्स तैयार किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 10:40 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 10:41 AM (IST)
नया एआइ सिस्टम वीडियो से करेगा व्यक्ति के लिंग और उम्र की पहचान
नया एआइ सिस्टम वीडियो से करेगा व्यक्ति के लिंग और उम्र की पहचान

मास्को, प्रेट्र। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। इसकी मदद से मानव सदृश रोबोट, अत्याधुनिक स्मार्टफोन व अन्य गैजेट्स तैयार किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने ऐसा एआइ सिस्टम विकसित कर लिया है, जो किसी वीडियो के जरिये व्यक्ति की उम्र और लिंग का जल्दी और बेहद सटीक पता लगाने में सक्षम है।

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रूस के हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के शोधकर्ताओं के मुताबिक, एंड्रॉयड मोबाइल के लिए ऐसे कुछ एप्लीकेशंस मौजूद हैं जो ये काम ऑफलाइन करने में सक्षम हैं, लेकिन यह नई प्रणाली उनसे कई ज्यादा सटीक और जल्दी परिणाम देने वाली है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह मॉडर्न न्यूरल नेटवर्क वीडियो के आधार पर लिंग की पहचान करने में 90 फीसद सटीक साबित हुआ है। हालांकि, उम्र का पता लगाने का काम लिंग का पता लगाने से ज्यादा जटिल है।

नई प्रणाली अधिक कारगर
परंपरागत प्रणालियों की कमी को देखते हुए शोधकर्ताओं ने बेहतर सिस्टम तैयार करने की सोची और इसमें एआइ का प्रयोग किया। शोधकर्ताओं द्वारा विकसित इस नवीन सॉफ्टवेयर प्रणाली में कई अलग न्यूरल नेटवर्क को शामिल किया गया। इसमें से एक व्यक्ति की उम्र की पहचान करता है और दूसरा उसके लिंग की। शोधकर्ताओं ने इसकी जांच की, जिसमें यह बेहद प्रभावित साबित हुआ।

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह नया सिस्टम एक साथ कई टास्क करने में सक्षम है। इसलिए इसके किसी व्यक्ति की उम्र और लिंग का पता लगाने की सटीकता परंपरागत प्रणाली की तुलना में बहुत ज्यादा है।शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रणाली का प्रयोग कम एडवांस स्मार्टफोन में भी किया जा सकता है।

इन स्थानों पर मिल सकता है लाभ
इस प्रणाली का प्रयोग सुरक्षा के लिहाज से किया जा सकता है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट व अन्य सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा के लिए इस प्रणाली को वहां लगे सीसी टीवी कैमरों से जोड़ा जा सकता है। इसके जरिये किसी व्यक्ति की उम्र और लिंग की पहचान होने से उसका मिलान पुलिस रिकॉर्ड से किया जा सकता है। ऐसे में किसी अपराधी को पकड़ने में यह प्रणाली काफी कारगर साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस प्रणाली को और सटीक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद कि जल्द यह प्रयोग के लिए उपलब्ध होगी।

परंपरागत प्रणालियों में परेशानी
शोधकर्ताओं का कहना है कि परंपरागत न्यूरल नेटवर्क वीडियो से उम्र का अनुमान लगाने के लिए प्रत्येक वीडियो फ्रेम पर ध्यान देते हैं। उदाहरण के तौर पर वीडियो के 30 फीसद फ्रेम्स में यदि व्यक्ति की उम्र का अनुमान 21 साल और 10 फीसद फ्रेम्स में 60 साल आ रही है तो इसका सार यह निकलेगा कि उस व्यक्ति की उम्र 21 साल होने की संभावना 30 फीसद है और 60 साल होने की 10 फीसद। इस तरह वीडियो से किसी व्यक्ति की उम्र का पता लगाने में विभिन्न परिस्थितियां काम करती हैं और विभिन्न फ्रेम्स में उम्र का अंतर करीब पांच साल तक हो सकता है। यानी परंपरागत प्रणाली से व्यक्ति की उम्र का अनुमान उसकी वास्तविक उम्र से पांच साल अधिक या कम रहा सकता है। इस तरह ये प्रणालियां उम्र का पता लगाने में बहुत सटीक नहीं बैठतीं। 


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