Kathmandu Mayor: रैपर बालेंद्र शाह बनाए गए काठमांडू के नए मेयर, ढाई साल पहले किया था प्रत्याशी बनने का एलान
चुनाव आयोग के अनुसार बालेन के नाम से पहचाने जाने वाले बालेंद्र शाह को 61767 वोट मिले। बालेंद्र के निकटतम प्रतिद्वंद्वी नेपाली कांग्रेस के सृजन सिंह को 38341 मत मिले जबकि कम्युनिस्ट पार्टी आफ नेपाल के प्रत्याशी और राजधानी के पूर्व मेयर केशव स्थापित को 38117 मत मिले।
काठमांडू, एएनआइ। नेपाल की राजधानी काठमांडू के मेयर पद पर रैपर बालेंद्र शाह निर्वाचित हुए हैं। इंजीनियरिंग डिग्री धारक बालेंद्र हाल ही में संपन्न स्थानीय निकाय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे थे।32 वर्षीय शाह एक लोकप्रिय रैप गायक होने के साथ-साथ पेशे से इंजीनियर भी हैं, जिन्होंने युवाओं का समर्थन हासिल किया है। बालेंद्र ने ढाई साल पहले प्रत्याशी बनने की घोषणा की थी।
भारतीय यूनिवर्सिटी से हासिल किया बैचलर्स डिग्री
बालेंद्र ने अपनी हायर सेकेंडरी की शिक्षा काठमांडू में वीएस निकेतन से पूरी की और हिमालयी व्हाइट हाउस कालेज से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। बता दें कि इन्होंने बैचलर्स डिग्री भारत के एक यूनिवर्सिटी से ली है और नेपाल के विभिन्न जिलों में काम किया। बालेन के साथ CPN-UML की सुनिता दांगोल ( Sunita Dangol) ने डिप्टी मेयर का पद जीता। चुनाव आयोग के अनुसार, बालेन के नाम से पहचाने जाने वाले बालेंद्र शाह को 61,767 वोट मिले। बालेंद्र के निकटतम प्रतिद्वंद्वी नेपाली कांग्रेस के सृजन सिंह को 38,341 मत मिले जबकि कम्युनिस्ट पार्टी आफ नेपाल के प्रत्याशी और राजधानी के पूर्व मेयर केशव स्थापित को 38,117 मत मिले।
कई जिलों में विकास कार्यों के लिए किया काम
एक भारतीय विश्वविद्यालय से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री लेने के बाद बालेंद्र ने नेपाल के विभिन्न जिलों में विकास कार्यो के लिए काम किया। बालेंद्र के साथ ही सीपीएन-यूएमएल की सुनीता डांगोल डिप्टी मेयर के पद पर विजयी हुई हैं। गुरुवार रात जारी परिणाम के अनुसार, डांगोल के प्रतिद्वंद्वी रामेश्वर श्रेष्ठ को 23,806 मत मिले।काठमांडू महानगर में स्थानीय स्तर के चुनावों के दौरान 1,91,186 वोट पड़े। नेपाल में पूरे देश में एक ही चरण में स्थानीय चुनाव हुए। द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ललितपुर में गठबंधन ने नेपाली कांग्रेस के चिरीबाबू महारजन को मैदान में उतारा, जबकि यूएमएल ने मेयर पद के लिए हरि कृष्ण ब्यानजंकर को मैदान में उतारा।