Move to Jagran APP

बढ़ा तनाव, नेपाल का एलान, लिपुलेख, कालापानी, लिंपियाधुरा पर जारी करेगा नया नक्शा

भारत के साथ चल रहे विवाद के बीच नेपाल ने एलान किया है कि वह नया नक्शा जारी करेगा जिसमें लिंपियाधुरा कालापानी और लिपुलेख को वह अपना क्षेत्र दर्शाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 12:57 AM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 01:54 AM (IST)
बढ़ा तनाव, नेपाल का एलान, लिपुलेख, कालापानी, लिंपियाधुरा पर जारी करेगा नया नक्शा
बढ़ा तनाव, नेपाल का एलान, लिपुलेख, कालापानी, लिंपियाधुरा पर जारी करेगा नया नक्शा

काठमांडू, एएनआइ। भारत के साथ चल रहे विवाद के बीच नेपाल नया नक्शा जारी करेगा जिसमें लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को वह अपना क्षेत्र दर्शाएगा। देश की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने यह घोषणा की। संघीय संसद में वित्त वर्ष के लिए नेपाल सरकार की नीतियां और कार्यक्रम पेश करते हुए राष्ट्रपति भंडारी ने दोहराया कि विवादित क्षेत्र नेपाल के हैं। मौजूदा विवाद का समाधान करने के लिए उपयुक्त कूटनीतिक उपाय किए जाएंगे।

loksabha election banner

संसद में राष्ट्रपति द्वारा नीतियों और कार्यक्रमों पर पढ़े गए दस्तावेज में कहा गया, 'लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी नेपाल के क्षेत्र हैं और उन्हें हासिल करने के लिए ठोस कूटनीतिक पहल की जाएगी। एक नया राजनीतिक नक्शा जारी किया जाएगा।' क्षेत्र को लेकर भारत और नेपाल के बीच पिछले साल विवाद पैदा हो गया था। नई दिल्ली ने एक नया नक्शा प्रकाशित किया जिसमें कालापानी को उसकी सीमा में दर्शाया गया था। काठमांडू ने इसका विरोध किया था।

उल्‍लेखनीय है कि भारत और नेपाल 1,800 सौ किलोमीटर की खुली सीमा साझा करते हैं। नेपाल कहता है कि उसने 1816 की सुगौली संधि के तहत काली (महाकाली) नदी के पूर्व के सभी क्षेत्रों को लगातार बनाए रखा है। इसमें लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपु लेख शामिल हैं। यही नहीं वह इसी संधि का हवाला देते हुए लिपुलेख दर्रा, लिंपियाधुरा और कालापानी के क्षेत्रों पर भी अपना दावा करता है जबकि ये भारतीय क्षेत्र हैं। 

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से भारत के साथ नेपाल का रवैया तल्‍खी भरा नजर आ रहा है। इसके पीछे चीन का हाथ बताया जाता है। आज ही सेना प्रमुख लिपुलेख दर्रे से पांच किलोमीटर पहले तक सड़क निर्माण पर नेपाल की आपत्ति पर हैरानी जताते हुए इसके पीछे चीन की ओर इशारा किया। उन्‍होंने कहा कि संभावना है कि नेपाल ऐसा किसी और के कहने पर कर रहा है। सेना प्रमुख का कहना था कि इस मसले पर कोई विवाद नहीं नजर आता है। भारत अपने क्षेत्र में काम कर रहा है। 

रिपोर्टों के मुताबिक, नेपाल कालापानी क्षेत्र के छांगरु में स्थायी रूप से 160 सैनिकों की टुकड़ी तैनात करेगा। यही नहीं अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 12 किमी दूर छावनी का निर्माण भी करेगा। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, नेपाल कालापानी क्षेत्र में तैनात सैनिकों के लिए बेहतर व्यवस्था करने में जुटा है। इसी क्रम में उसने स्थायी छावनी निर्माण की योजना तैयार की है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.