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नेपाल में प्रधानमंत्री ओली के मंत्रिमंडल में फेरबदल के खिलाफ याचिका, जानें क्‍या दी गई दलील

नेपाल में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा किए गए मंत्रिमंडल में फेरबदल को रद करने की मांग की गई। याचिका में कहा गया है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री को मंत्रिमंडल में फेरबदल या नए मंत्री नियुक्त करने का अधिकार नहीं होता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 10:30 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 11:44 PM (IST)
नेपाल में प्रधानमंत्री ओली के मंत्रिमंडल में फेरबदल के खिलाफ याचिका, जानें क्‍या दी गई दलील
नेपाल में सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रिमंडल में फेरबदल को रद करने की मांग की गई।

काठमांडू, पीटीआइ। नेपाल में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा किए गए मंत्रिमंडल में फेरबदल को रद करने की मांग की गई। याचिका में कहा गया है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री को मंत्रिमंडल में फेरबदल या नए मंत्री नियुक्त करने का अधिकार नहीं होता है। यह याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने दायर की है। उन्होंने शीर्ष न्यायालय से अपील की है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री के निर्णय को रद किया जाए, क्योंकि मौजूदा परिस्थितियों में मंत्रिमंडल में फेरबदल संविधान की मूल भावना के विपरीत है।

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फेरबदल का अधिकार नहीं 

याचिका में कहा गया है कि प्रतिनिधि सभा भंग हो चुकी है और ओली इस समय कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं, इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल में फेरबदल का प्रशासनिक अधिकार नहीं है। उल्लेखनीय है कि ओली ने चार जून को मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए 12 नए मंत्रियों को शामिल किया था। तीन उप प्रधानमंत्री भी बनाए थे। नए शामिल मंत्रियों में जनता समाजवादी पार्टी के आठ कैबिनेट मंत्री और दो राज्य मंत्री भी हैं।

याचिका में यह मांग 

याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट कार्यवाहक प्रधानमंत्री के ऐसे सभी कार्यो पर रोक लगाए जिनसे देश के खजाने पर बोझ बढ़ता हो। बीते शुक्रवार को मंत्रिमंडल में जनता समाजवादी पार्टी के दस मंत्रियों को शामिल कर और पार्टी की कुछ पुरानी मांगें मानकर ओली ने अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाई है। हालांकि ओली को हाल के फैसलों से अपनी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) में विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।

पूर्व सांसदों ने भी खोला मोर्चा

संसद भंग किए जाने के विरोध में पार्टी का एक बड़ा धड़ा माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व में विपक्ष से जा मिला है। उसमें शामिल पूर्व सांसदों ने संसद भंग करने के खिलाफ दायर याचिका पर दस्तखत भी किए हैं। हाल के फेरबदल में उप प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल और विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली को मंत्रिमंडल से हटाया गया है। इससे भी पार्टी में ओली का विरोध बढ़ना तय है।

तीन उप प्रधानमंत्री बनाए गए

फेरबदल में तीन उप प्रधानमंत्री बनाए गए हैं इनमें जनता समाजवादी पार्टी के राजेंद्र महतो भी शमिल हैं। जनता समाजवादी पार्टी का नेपाल के तराई वाले इलाकों में प्रभाव है। इसे भारतीय मूल के लोगों की पार्टी माना जाता है।

भारत को लेकर गलतफहमी दूर : ओली

कार्यवाहक प्रधानमंत्री ओली ने सोमवार को कहा कि भारत के संबंध में जो गलतफहमी पैदा हुई थी, वह दूर हो गई है। दोनों देश मिलकर अब बेहतर भविष्य की ओर देख रहे हैं। कहा कि पड़ोसियों के साथ रिश्ते में प्यार और मुश्किल, दोनों होती है। बीबीसी हिंदी के साथ साक्षात्कार में ओली ने माना कि कुछ समय पहले भारत और नेपाल के बीच गलतफहमी पैदा हुई थी लेकिन बाद में इसका एहसास हुआ और उसे बातचीत के जरिये सुलझा लिया गया। पिछले दिनों ने राष्ट्र के नाम संबोधन में ओली ने कहा था कि दोनों देशों के बीच का सीमा विवाद बातचीत के जरिये निपटाया जाएगा। 


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