Move to Jagran APP

नेपाल में सियासी संकट: पीएम आवास पर कैबिनेट की आपातकालीन बैठक, नेशनल असेंबली को संबोधित करेंगे ओली

नेपाल में जारी सियासी संकट के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली रविवार को नेशनल असेंबली को संबोधित करेंगे। अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री ओली अपने संबोधन में देश के मौजूदा मुद्दों पर बात करेंगे। इस बीच काठमांडू स्थित उनके आवास पर कैबिनेट की आपातकालीन बैठक चल रही है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 12:37 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 12:37 PM (IST)
नेपाल में सियासी संकट: पीएम आवास पर कैबिनेट की आपातकालीन बैठक, नेशनल असेंबली को संबोधित करेंगे ओली
नेपाल में पीएम आवास पर कैबिनेट की आपातकालीन बैठक। (फोटो- एएनआइ)

काठमांडू, एएनआइ। नेपाल में जारी सियासी संकट के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली रविवार को नेशनल असेंबली को संबोधित करेंगे। अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री ओली अपने संबोधन में, देश के मौजूदा मुद्दों पर बात करेंगे। इस बीच काठमांडू स्थित उनके आवास पर कैबिनेट की आपातकालीन बैठक चल रही है। प्रधानमंत्री ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा का हवाला देते हुए, खबरहब ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में देश के मौजूदा मुद्दों पर बात करेंगे।

prime article banner

बता दें कि नेपाल के राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर निचले सदन को भंग कर दिया था। इसके बाद से ही देश में राजनीतिक संकट बरकरार है। संसद को भंग करने के बाद, ओली ने 30 अप्रैल और 10 मई, 2021 को भी चुनाव प्रस्तावित किए।

68 वर्षीय ओली ने 20 दिसंबर के फैसले के पीछे अपनी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर आंतरिक कलह और राजनीतिक एकता के अभाव का हवाला दिया है। उनके सहयोगियों और विपक्षी राजनीतिक दलों ने उन्हें कोरोना महामारी के बीच स्थिर सरकार को पटरी से उतारने के लि को जिम्मेदार ठहराया है। सात मंत्रियों ने उनके इस कदम के विरोध में सरकार छोड़ दिया और पिछले महीने प्रदर्शनकारियों ने उनका पुतला भी जलाया था।

इस फैसले के खिलाफ नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में 13 रिट याचिका दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिकाओं में, राजनेता, कार्यकर्ता और वकीलों ने सवाल किया है कि क्या तय समय से 18 महीने पहले संसद को भंग करने का पीएम के पास वैध अधिकार है? संवैधानिक वकील भीमार्जुन आचार्य के अनुसार यदि फैसला संसद को भग करने के पक्ष में आता है, तो फिर चुनाव होंगे, लेकिन इससे इस बात जोखिम बढ़ जाएगा कि निकट भविष्य में, सरकारें पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं करेंगी। प्रधानमंत्री इसे कभी भी भंग कर सकते हैं। पीएम ओली के इस कदम के बाद देश अस्थिरता में फंस गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.