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नेपाल में फ‍िर उठी हिंदू राष्‍ट्र की मांग, धर्मनिपेक्षता और संघ पर उठे सवाल

नेपाल में एक दक्षिणपंथी राजनीतिक दल ने सरकार से धर्मनिरपेक्षता के प्रावधान को रद करके देश को हिंदू राज्य घोषित करने की मांग की है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 02:17 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 12:58 AM (IST)
नेपाल में फ‍िर उठी हिंदू राष्‍ट्र की मांग, धर्मनिपेक्षता और संघ पर उठे सवाल
नेपाल में फ‍िर उठी हिंदू राष्‍ट्र की मांग, धर्मनिपेक्षता और संघ पर उठे सवाल
काठमांडू [ एजेंसी ]। नेपाल में एक बार फ‍िर हिंदू राज्‍य घोषित करने की मांग तेज हो गई है। नेपाल में एक दक्षिणपंथी राजनीतिक दल ने सरकार से धर्मनिरपेक्षता के प्रावधान को रद करके देश को हिंदू राज्य घोषित करने की मांग की है। बता दें कि वर्ष 2006 यहां के एक जन आंदोलन के बाद नेपाल की व्‍यवस्‍था में कई तरह के बदलाव देखे गए। वर्ष 2008 में नेपाल ने अपने आपको हिंदू राष्‍ट्र की जगह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया था। इसके साथ ही नेपाल में राजशाही व्‍यवस्‍था का अंत हुआ। नेपाल में राजतंत्र के स्‍थान पर धर्मनिरपेक्ष राज्‍य की स्‍थापना हुई।
बुधवार को नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री केपी ओली को सौंपे ज्ञापन में मांग की कि नेपाल को धर्मनिरपेक्षता के प्रावधान को रद करके पूरी धार्मिक स्वतंत्रता के साथ एक हिंदू राज्य घोषित किया जाना चाहिए। इस बाबत पार्टी ने प्रशासन के जरिए नेपाल के प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
पार्टी ने नेपाल के संघीय ढांचे के लिए भी जनमत संग्रह की मांग की। हिंदुत्ववाद की दलील में पार्टी ने का कि हिूदू, नेपाल का सबसे बड़ा धर्म है। बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार, 1.3 फीसद नेपाली आबादी हिंदू थी, 9.9 फीसद बौद्ध थी, 4.4 फीसद मुस्लिम थी, 3.3 फीसद किराटिस्ट (स्वदेशी जातीय धर्म) थी, 1.4 फीसद ईसाई थी, 0.2 फीसद सिख थी।

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