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नेपाल में सियासी संकट के बीच ओली-प्रचंड ने की मुलाकात, 8 जुलाई तक स्थायी समिति की बैठक टली

नेपाल में आज होने वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्थायी समिति की बैठक 8 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है। ओली सरकार पर फिलहाल संकट मंडरा रहा है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 09:37 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 02:13 PM (IST)
नेपाल में सियासी संकट के बीच ओली-प्रचंड ने की मुलाकात, 8 जुलाई तक स्थायी समिति की बैठक टली
नेपाल में सियासी संकट के बीच ओली-प्रचंड ने की मुलाकात, 8 जुलाई तक स्थायी समिति की बैठक टली

काठमांडू, एएनआइ। नेपाल में प्रधानमंत्री के पी ओली की सरकार पर संकट फिलहाल कम होता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ  बैठक कर उनसे मुलाकात की है। इससे पहले प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने जानकारी दी कि नेपाल में आज होने वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्थायी समिति की बैठक 8 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

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इससे पहले नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड, केपी शर्मा ओली से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे थे।

ओली-प्रचंड के बीच मुलाकात में नहीं बनी बात !

इससे पहले नेपाल में रविवार को दिनभर सियासी हलचल बनी रही। पीएम केपी शर्मा ओली और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच सत्ता साझेदारी को लेकर हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका। ओली के एक करीबी सूत्र ने बताया कि दोनों नेता अपने रुख पर अड़े हुए हैं। इसीलिए वे किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके। नेपाल में प्रचंड का खेमा पीएम ओली से इस्तीफे की लगातार मांग कर रहा है। इस खेमे को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनल का समर्थन हासिल है।

सत्तारूढ़ पार्टी में राजनीतिक गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री ओली ने नेपाल के सेना प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा से भी मुलाकात की है। शीतल निवास में राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के साथ बैठक करने के बाद प्रचंड सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच मतभेद मिटाने की खातिर बातचीत करने के लिए ओली के आधिकारिक आवास पर पहुंचे। 

सत्तारूढ़ एनसीपी में आंतरिक विवादों के बीच ओली और प्रचंड संसदीय सत्र के बाद से बैठकें करके मतभेद दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। 30 जून को हुई स्थायी समिति की बैठक में ओली को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसमें अधिकतर सदस्य उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। बहुत सारे मुद्दों का समाधान करने में विफल रहने के कारण ओली को पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, खासकर जबसे उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि भारत उन्हें पद से हटाने की कोशिश कर रहा है। 


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