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IGN को बचाने के लिए आवश्यक है UNGA के नियमों के साथ एक विषय वस्तु

भारत ब्राजील जापान और जर्मनी वाले G4 समूह ने महासभा के 75वें सत्र में हिस्सा लिया और इस बात पर जोर दिया कि IGN की बचाव के लिए महासभा के नियमों के साथ विषय-वस्तु पर आधारित वार्ता की जरूरत है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 01:33 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 01:33 PM (IST)
IGN को बचाने के लिए आवश्यक है UNGA के नियमों के साथ एक विषय वस्तु
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में शामिल हुए G4 राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)में स्थायी सदस्यता की मांग करने वाले भारत व  G4 समूह के तीन अन्य देशों ने कहा कि UNSC में सुधार को लेकर  अंतर सरकारी वार्ता (Inter Governmental Negotiations, IGN) के फार्मेट  को तभी बचाया जा सकता है जब वार्ता की विषय-वस्तु एक हो और प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र महासभा के नियमों का अनुपालन किया जाए।  G4 समूह में अन्य देश ब्राजील, जापान और जर्मनी हैं। वहीं ‘सिंगल टेक्स्ट या एक ही विषय- वस्तु पर आधारित वार्ता'  का मतलब  एक ही दस्तावेज के आधार पर चर्चा से है जिससे हितधारकों के अन्य विस्तृत हित जुड़े होते हैं। 

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महासभा के 75वें सत्र में सुरक्षा परिषद में सुधार पर बनी  IGN की पहली बैठक सोमवार को हुई। बैठक के दौरान जी-4 के सदस्य देशों ने कहा कि IGN के प्रारूप को बचाने के लिए विषय-वस्तु पर आधारित वार्ता की जरूरत है जिसमें सदस्य देशों द्वारा पिछले 12 साल में अपनाए गए रुख  प्रतिबिंबित हों और दूसरी संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रक्रिया नियमावाली। इस बैठक में शामिल भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी कि दो के बगैर यह अधिक समय तक मंच नहीं रह सकता है जहां लंबित संशोधन पूरे हो।

संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के स्थायी प्रतिनिधि क्रिस्टोफ ह्यूसजेन ने जी-4 सदस्य देशों की ओर से कहा,'यदि इन मानदंडों को इस साल प्राप्त नहीं किया जाता तो हमारे लिए IGN अपना उद्देश्य खो देगा।' समूह ने रेखांकित किया अगर इस साल आईजीएन की चौथी बैठक से पहले एक दस्तावेज पर चर्चा नहीं होती और महासभा की प्रक्रिया नियमावली लागू नहीं होती तो ‘औपचारिक प्रक्रिया के तहत बहस दोबारा महासभा में स्थानांतरित हो जाएगी' जो कि संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्यों चाहते भी हैं।

ह्यूसजेन ने कहा,'हमारा पूरी तरह से मानना है कि बहस में ‘नई जान फूंकने’ के लिए हमे सही वार्ता शुरू करनी होगी और वार्ता सिंगल टेक्स्ट एवं महासभा की प्रकिया नियमावाली पर आधारित होनी चाहिए। जी-4 के तौर पर हम आपके साथ खुलकर, पारदर्शी तरीके से और परिणाम केंद्रित तरीके से काम करने को तैयार हैं।'


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