Nepal : राष्ट्रपति से मिले पीएम ओली, मंत्रियों के साथ बैठक की, कहा- कुछ भी संभव, तैयार रहें
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भविष्य का फैसला करने के लिए सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की अहम बैठक सोमवार तक के लिए टल गई है।
काठमांडु, एजेंसियां। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भविष्य का फैसला करने के लिए सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्थायी समिति की बैठक सोमवार तक के लिए टल जरूर गई है लेकिन सरकार पर संकट बरकरार है। पड़ोसी देश में सियासी सरगर्मी तेज है। पीएम केपी शर्मा ओली ने शनिवार शाम को शीतल निवास पहुंचकर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की और उसके बाद मंत्रियों के साथ एक बैठक की। बैठक के बाद पीएम ओली ने कहा कि मौजूदा वक्त में पार्टी की एकता दांव पर है और कुछ भी हो सकता है... तैयार रहें...!
Party’s unity at stake, anything can happen, be prepared. Plots being hatched against me&President, this might result in me taking forceful decisions. So, you all now need to clear your stance&be prepared: KP Oli, Nepal PM at meeting with ministers(Source in the meeting told ANI) https://t.co/IC3fp240mw" rel="nofollow
— ANI (@ANI) July 4, 2020
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि मेरे और राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं। इसे देखते हुए मुझको जबरदस्ती फैसले लेने पड़ सकते हैं। आप सभी को अब अपना रुख साफ करने और तैयार रहने की जरूरत है। इन सभी घटनाक्रमों के बीच कुछ एनसीपी नेताओं ने पार्टी के एकजुट रहने पर संदेह व्यक्त किया है। दहल के करीबी स्थायी समिति सदस्य मैत्रिका यादव का कहना है, 'मुझे नहीं लगता कि पार्टी उनकी (पीएम ओली) निरंकुश कार्यशैली को अब और ज्यादा बर्दाश्त करेगी।' मालूम हो कि नेपाली संसद के निचले सदन 275 सदस्यीय हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में एनसीपी की 174 सीटें हैं।
उधर, ओली के भविष्य का फैसला करने के लिए एनसीपी की स्थायी समिति की बैठक सोमवार तक के लिए टल गई है। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि पार्टी की एकता को बनाए रखने को विचार विमर्श करने के लिए और समय की जरूरत है जिसे देखते हुए बैठक टाल दी गई। ओली की निरंकुश कार्यशैली और भारत विरोधी बयानों की वजह से पार्टी में मतभेद पैदा हो गए हैं।
ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के प्रेस सलाहकार बिष्णु सप्कोटा ने यह जानकारी दी। दरअसल, ओली और दहल के बीच शुक्रवार को तीन घंटे तक हुई वार्ता विफल हो गई थी। दहल ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं, वहीं ओली ने त्यागपत्र देने से यह कहकर इन्कार कर दिया कि वह किसी भी मुद्दे पर वार्ता को तैयार हैं। दोनों ने स्थायी समिति की बैठक से पहले शनिवार सुबह फिर वार्ता पर सहमति व्यक्त की थी। शनिवार सुबह हुई संक्षिप्त बातचीत में भी दोनों के बीच गतिरोध बना रहा लिहाजा सुबह 11 बजे होने वाली स्थायी समिति की बैठक सोमवार तक के स्थगित कर दी गई।