किग जोंग ने तोड़ी चुप्पी- 'द. कोरिया-US के संयुक्त सैन्य अभ्यास के विरोध में किया प्रक्षेपण'
प्योंगयांग ने चेतावनी दी है कि यह शत्रुतापूर्ण सैन्य चाल इस क्षेत्र में तनाव की नई जमीन तलाश सकते हैं।
प्योंगयांग, एजेंसी । उत्तर कोरिया ने अपने दो अज्ञात प्रोजेक्टाइल के परीक्षणों के एक दिन बाद बयान जारी किया है, जिसमें अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की निंदा की गई है। प्योंगयांग ने कहा है कि संयुक्त सैन्य अभ्यास कोरियाई प्रायद्वीप में शांति सौदों एवं नियमों का सरासर उल्लंघन है। उत्तर कोरिया ने इसकी कड़ी निंदा की है। प्योंगयांग ने चेतावनी दी है कि यह 'शत्रुतापूर्ण सैन्य चाल' इस क्षेत्र में तनाव की नई जमीन तलाश सकते हैं। सेंटल सी न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से कहा गया है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के मार्गदर्शन में पूर्वी सागर में दो सामरिक निर्देशित मिसाइलें दागी और अपने सैन्य अभ्यास को लेकर अमेरिका और दक्षिण कोरिया को चेतावनी दी है।
बता दें कि उत्तर कोरिया ने मंगलवार को एक बार फिर अपने पूर्वी तट से दो अज्ञात प्रोजेक्टाइल को प्रक्षेपित किया था। इस महीने में उत्तर कोरिया ने दूसरी बार प्रोजेक्टाइल को प्रक्षेपित किया है। चार अगस्त को प्योंगयांग ने पूर्वी सागर से दो अज्ञात छोटी दूरी के प्रोजेक्टाइल का परीक्षण किया था। इस तरह से उत्तर कोरिया 12 दिनों के भीतर चौथी बार मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है।
दक्षिण कोरिया की सेना के अनुसार उत्तर कोरिया ने मंगलवार को अपने पूर्वी तट से दो अनजाने प्रोजेक्टाइल को फिर से लांच किया है। दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा कि मिसाइलों ने कोरियाई प्रायद्वीप में लगभग 450 किलोमीटर तक उड़ान भरी। योंगहाप न्यूज एजेंसी ने सुबह संयुक्त राष्ट्र के चीफ ऑफ स्टाफ (JCS) के हवाले से बताया कि मंगलवार की तड़के दक्षिण ह्वांगहे प्रांत से प्रक्षेपित किया। इन परीक्षणों में उत्तर कोरिया की हताशा को साफ तौर पर देखा जा सकता है। बता दें कि सोमवार को दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेना के संयुक्त अभ्यास के बाद उत्त्र कोरिया ने अपना परीक्षण तेज कर दिया है। इस संयुक्त अभ्यास को उत्तर कोरिया का लगातार विरोध कर रहा था। इस विरोध के बावजूद भी अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेना का संयुक्त अभ्यास शुरू हुआ। इससे उत्तर कोरिया तिलमिलाया हुआ है।
उत्तर कोरिया बहुत ही सुनियोजित ढंग से अपने परीक्षण गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। उसकी बढ़ती परीक्षण गतिविधियों का मकसद परमाणु वार्ता की धीमी गति को लेकर दक्षिण कोरिया और अमेरिका पर दबाव को बढ़ाना भी है। अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास और अमेरिका के साथ ठप पड़े परमाणु वार्ता को शुरू करने का भी दबाव बना रहा है।
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