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उत्‍तर कोरिया ने फ‍िर किया परीक्षण, बेअसर रहा अमेरिका का पाठ, शांति वार्ता को घक्‍का

दक्षिण कोरियाई सेना के मुताबिक दो सप्‍ताह के भीतर उत्‍तर कोरिया का यह पांचवां परीक्षण है। इससे अमेरिका-उत्‍तर कोरिया शांति वार्ता की पहल को धक्‍का लग सकता है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 08:28 AM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 08:26 AM (IST)
उत्‍तर कोरिया ने फ‍िर किया परीक्षण, बेअसर रहा अमेरिका का पाठ, शांति वार्ता को घक्‍का
उत्‍तर कोरिया ने फ‍िर किया परीक्षण, बेअसर रहा अमेरिका का पाठ, शांति वार्ता को घक्‍का

सियोल, एजेंसी । उत्‍तर कोरिया ने एक बार फ‍िर अपने पूर्वी तट से दो अज्ञात प्रोजेक्‍टाइल मिसाइल (launched unidentified projectiles)  को प्रक्षेपित किया है। दक्षिण कोरियाई सेना के मुताबिक दो सप्‍ताह के भीतर उत्‍तर कोरिया का यह पांचवां परीक्षण है। खास बात यह है कि दो दिन पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने उत्‍तर कोरिया के साथ पुन: शांति वार्ता के लिए इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया था कि अमेरिका और उत्‍तर कोरिया जल्‍द ही शांति वार्ता के लिए बैठक कर सकते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री के इस बयान के बाद उत्‍तर कोरिया ने यह परीक्षण किया है। उत्‍तर कोरिया के इस कदम से दोनों देशों के बीच शांति वार्ता को धक्‍का लग सकता है। इस बीच दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि इन परीक्षणों पर हमारी नजर है। 

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बता दें कि चार अगस्‍त को प्‍योंगयांग ने पूर्वी सागर से दो अज्ञात छोटी दूरी के प्रोजेक्‍टाइल का परीक्षण किया था। इस तरह से उत्‍तर कोरिया 12 दिनों के भीतर पांचवीं बार मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है। दक्षिण कोरिया की सेना के अनुसार उत्‍तर कोरिया ने मंगलवार को अपने पूर्वी तट से दो अनजाने प्रोजेक्‍टाइल को फ‍िर से लांच किया था। योंगहाप न्‍यूज एजेंसी ने सुबह संयुक्‍त राष्‍ट्र के चीफ ऑफ स्‍टाफ (JCS) के हवाले से बताया कि मंगलवार की तड़के दक्षिण ह्वांगहे प्रांत से प्रक्षेपित किया था।
इस परीक्षण के बाद उत्‍तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कहा कि इसका मकसद अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेना के संयुक्‍त अभ्‍यास का विरोध करना है। सोमवार को दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेना के संयुक्‍त अ‍भ्‍यास के बाद उत्‍तर कोरिया ने अपना परीक्षण तेज कर दिया है। इस संयुक्‍त अभ्‍यास का उत्‍तर कोरिया लगातार विरोध कर रहा था। इसके विरोध में वह बहुत ही सुनियोजित और एक रणनीति के तहत परीक्षण गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। उसका मकसद परमाणु वार्ता की धीमी गति को लेकर दक्षिण कोरिया और अमेरिका पर दबाव को बढ़ाना है। 
अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले सैन्‍य अभ्‍यास और अमेरिका के साथ ठप पड़े परमाणु वार्ता को लेकर उत्‍तर कोरिया अपनी निराशा और हताशा का प्रदर्शन कर रहा है। इस परीक्षण के द्वारा वह अमेरिका को वार्ता का दबाव बनाना चाहता है। हालांकि, कुछ दिन पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ट ट्रंप ने कहा था कि उत्‍तर कोरिया के हालिया बैलिस्टिक मिसाइल से अमेरिका को कोई समस्‍या नहीं है। 

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