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हाथियों के गढ़ बोत्सवाना में एक के बाद एक 350 हाथी मरे पाए गए...और वजह किसी को पता नहीं

दक्षिण अफ्रीफा में स्थित देश बोत्सवाना में पिछले दो महीने के दौरान 350 हाथियों हाथियों के शव बरामद हुए है। हाथियों की रहस्यमयी मौतों ने सभी को हैरान कर दिया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 02:26 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 02:26 PM (IST)
हाथियों के गढ़ बोत्सवाना में एक के बाद एक 350 हाथी मरे पाए गए...और वजह किसी को पता नहीं
हाथियों के गढ़ बोत्सवाना में एक के बाद एक 350 हाथी मरे पाए गए...और वजह किसी को पता नहीं

गबोरोन, आइएएनएस। दक्षिण अफ्रीफा में स्थित देश बोत्सवाना में पिछले दो महीने के दौरान 350 हाथियों के शव बरामद हुए है। हथियों की रहस्यमयी मौतों ने सभी को हैरान कर दिया है। हाथियों के शव अफ्रीकी राष्ट्र के उत्तर-पश्चिम हिस्सों के आस-पास के इलाके में मिले हैं। शवों पर किसी भी प्रकार की कोई भी चोट का निशान नहीं मिला है, जिससे पता चल सके कि उनका अवैध शिकार हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, बोत्सवाना के इस इलाके में वन्यजीवों को मारने के लिए एंथ्रेक्स नाम का जहर इस्तेमाल किया जाता है। 

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क्षेत्रीय वन्यजीव समन्वयक दीमाकात्सो नत्शेबे ने बताया कि फिलहाल वह सभी हाथियों की मौत के सही कारण का पता करने के लिए नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि अफ्रीका में हाथियों की कम होती आबादी में उनका एक तिहाई हिस्सा बोत्सवाना की जमीन पर है। वहीं ब्रिटेन चैरिटी नेशनल पार्क रेस्क्यू के डॉ नियाल मैककैन ने आशंका जताई है कि कुछ लोग हाथियों के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर हमला कर रहे हैं।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वन्यजीव संरक्षण से जुड़े लोगों ने मई की शुरुआत में ही सरकार को इस संबंध में सावधान किया था। वहीं इस रिपोर्ट में यह भी बताया कि अगर इन हाथियों की मौत शिकार से हुई होती तो अन्य जानवरों के भी शव बरामद होते, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल में हाथियों की मौत मानव आबादी के लिए भी खतरा पैदा कर सकती है इसके लिए अपर्याप्त डेटा है। यहां पर अवैध शिकार के कारण भी अफ्रीका में कुल हाथी की आबादी घट रही है, लेकिन बोत्सवाना में 1990 के दशक के अंत में हाथियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। वहीं हाथियों की संख्या 80,000 से बढ़कर एक लाख 30 हजार तक पहुंच गई है। इसके पीछे बड़ा कारण शिकार पर लगाया गया प्रतिबंध है। हालांकि यहां पर किसान हाथियों के बढ़ते उपद्रव से भी परेशान होते हैं क्योंकि यह हाथी उनकी फसले खराब भी करते हैं।


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