रोहिंग्या संकट के बीच यूएन महासभा में हिस्सा नहीं लेंगी आंग सान सू की
म्यांमार की स्टेट काउंसलर बनने के बाद सू की के लिए रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय का मामला सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आया है।
यांगून, रायटर्स। म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हो रही जातीय हिंसा के कारण विरोध का सामना कर रहीं स्टेट काउंसलर आंग सान सू की न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। उनकी राजनीतिक पार्टी के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी दी।
पिछले साल म्यांमार की स्टेट काउंसलर बनने के बाद सू की के लिए रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय का मामला सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आया है।
आपको बता दें कि म्यांमार में रोहिंग्या विद्रोहियों की ओर से हमले के बाद से इस समुदाय के खिलाफ हिंसा जारी है। इस बीच अब तक लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं और अन्य भी पलायन की तैयारी में हैं। वहीं इस संकट का समााधान निकालने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए लोग सू की से नोबेल शांति पुरस्कार वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले भाषण के दौरान सू की ने अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए म्यांमार सरकार की ओर से किए गए कार्यों का समर्थन किया था। इस साल उनके पार्टी के प्रवक्ता ने कह दिया कि वह शामिल नहीं हो पाएंगी। हालांकि इसके पीछे की वजह नहीं बता पाया।
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